:-: अंधा क़ानून :-:
1950 से लागू भारतीय ब्रिटिश कानून के अंधे होने के कुछ प्रमाण :-
- सार्वजनिक सड़कों की मॉनिटरिंग करने वाले आईएएस को सड़कों के गड्ढे न दिखना।
- आरटीओ कमिश्नर को अपने ही कार्यालय के बाहर बैठे दलालों द्वारा कार्यालयीन कर्मचारियों को रिश्वत देते न देख पाना।
- प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अवैध खनन,कटाई ,अपराध को न देख पाना।
- हिंदू संस्कृति पर स्वतः संज्ञान लेने वाले माननीय न्यायाधीश द्वारा,न्यायालयों में होने वाले भ्रष्टाचार पर स्वतः संज्ञान न लेना।यह सब बातें प्रमाणित करती हैं कि अधर्म,अनीति को बढ़ावा देने वाली इस अंधे क़ानून वाली व्यवस्था को बदलकर,खुले आंखों से अपराधियों को कठोर दंड देने वाले शनि देव की मूर्तियां न्यायालय में लगाकर,धर्म को पुनर्जीवित किया जाए।जब तक न्यायालयों में आँखों पर पट्टी बँधी एक महिला की मूर्ति न्याय की देवी होगी,तो समाज अधर्म की तरफ़ ही बढ़ेगा, जैसा महाभारत में हुआ।ऐसी मूर्ति के स्थान पर हाथों में सहस्र शस्त्र लिये दुर्गा जी की मूर्ति लगाकर ही लोगों को धर्म का पाठ पढ़ाया जा सकता हैं।
यह किसी का अपमान नहीं लेकिन अंधकार नकारात्मकता का प्रतीक हैं और प्रकाश सकरात्मकता का।अंधी व्यवस्था ने ही समाज को अंधकार की ओर धकेला हैं,लेकिन जीत धर्म की ही होगी।
धन्यवाद :- बदला नहींबदलाव चाहिए