:-: अब्राहम धर्म :-:
यहूदी, ईसाई और मुस्लिम देशों में अब्राहम धर्म की चर्चा होना, इस बात की सूचक हैं कि निकट समय में आस्तिक और नास्तिकों के मध्य वैचारिक धर्मयुद्ध होने वाला हैं।इस धर्मयुद्ध में दुनिया के वह सभी सम्प्रदाय जो ईश्वर पर विश्वास करते हैं, चाहे वह उसे किसी भी रूप या नाम से जानते हो,एक ओर होंगे और दूसरी ओर वह लोग होंगे,जो ईश्वर के अस्तित्व को ही स्वीकार नहीं करते।इस धर्मयुद्ध का नेतृत्व भारत करेगा,इसमें जनहानि तो कम होगी,लेकिन नास्तिकता, अधर्म,अत्याचार, अपराध जैसी सभी बुराइयों का ,लंबे समय के लिए अंत हो जाएगा।इस धर्मयुद्ध में सभी हिंदू, मुस्लिम,सिक्ख, ईसाई समेत सारी दुनिया के सभी छोटे बड़े,आस्तिक सम्प्रदाय एकजुट होकर धर्म की पुर्नस्थापना करेंगे।इस युद्व में लोगों की हज़ारों वर्षों से चली आ रही कुप्रथाएँ ध्वस्त होगी और सभी आस्तिक सम्प्रदायों को अलग अलग षड्यंत्र करके,आपस में लड़वाकर,उनके साथ मानसिक युद्ध करने वाले मलेच्छ सम्प्रदाय के बारें में भी सबको पता चल जाएगा और सारी दुनिया धर्म और प्रेम के मार्ग पर आगे बढ़ेगी।युगों युगों से यही क्रम चलता आ रहा हैं और युगों युगों तक यहीं क्रम इसी प्रकार चलता रहेगा।वर्तमान पीढ़ी बहुत सौभाग्यशाली हैं, जो इस वैचारिक धर्मयुद्ध को अपनी आँखों के सामने घटित होता देखेगी और सभी मनुष्यों को ईश्वर के साक्षात दर्शन होने के कारण ही सनातन संस्कृति में कलयुग को सर्वश्रेष्ठ युग कहा गया हैं।ब्रह्मांड की कोई भी दृश्य या अदृश्य शक्ति इस धर्म युद्ध को नहीं रोक सकती,यह पूर्वनियोजित हैं ।विजय धर्म की ही होगी।
धन्यवाद :- बदला नहीं बदलाव चाहिए