:-: असम और मिज़ोरम :-:
मिज़ोरम के निःसंतान राजा की मृत्यु के बाद,लार्ड डलहौज़ी द्वारा सन 1848 में लागू कानून जिसमें निसंतान राजाओं के राज्यों को ब्रिटिश शासन में मिलाया जाता था,मिज़ोरम पर ब्रिटिश शासन लागू कर दिया,तब से ही पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में अस्थिरता का माहौल हैं।19 वी सदी तक ईसाई मिशनरी ने मिज़ोरम को ईसाई देश बना दिया,आज मिज़ोरम की 85 % आबादी ईसाई हैं।इन सबसे पहले मिज़ोरम असम का ही एक ज़िला था।वर्तमान में असम की लगभग 62 % आबादी हिंदू,32% आबादी मुस्लिम और 4 % आबादी ईसाई हैं।षड्यंत्र के तहत असम और मिज़ोरम के बीच का झगड़ा हिंदू मुस्लिम बनाकर दिखाया जाता हैं, जिससे सभी का ध्यान हिंदु मुस्लिम करने में ही सीमित रहे।जब मिज़ोरम में 85% आबादी ईसाईयों की हैं ,तो झगड़ा हिंदू मुस्लिम के बीच कैसे हो सकता हैं??पहले भी मिज़ोरम को अलग देश घोषित किया गया हैं।प्रकृति पूजा करने वाले मिज़ोरम के निवासी ,इस घिनौने मानसिक षड्यंत्र में उलझकर सनातन नियमों से दूर हो गये हैं।मिज़ोरम में कश्मीर के समान ही धारा 371 (g) लगाई गई।शारीरिक दृष्टि से पूर्वोत्तर राज्यों के लोग शेष भारत के लोगों से अलग दिखने के कारण,शारीरिक भेदभाव पैदा करके आपस में घृणा पैदा की गईं।प्रेम का प्रचार होते ही संपूर्ण भारत पुनः सनातनमयी हो जायेगा।
धन्यवाद – बदला नहीं बदलाव चाहिए