:-: आदि शंकराचार्य :-:
आज से 2500 वर्ष पहले जब न तो इस्लाम था और न ही ईसाई थे,तब आदि शंकराचार्य ने वर्तमान भारत और एशिया के आधे से अधिक मंदिरों को मलेच्छों से मुक्त करवा कर,सनातन संस्कृति को पुनर्स्थापित किया था।इन नास्तिक म्लेच्छों द्वारा समस्त भारत के मंदिरों से सनातनी भगवानों की मूर्तियां हटाकर, चालाकी और षड्यंत्र से उसके स्थान पर राक्षसों की मूर्तियां रख दी थी।आज भी सनातन संस्कृति के हज़ारों प्राचीन मंदिरों में मलेच्छों द्वारा स्थापित राक्षसों की मूर्तियां विराजित हैं, जिन्हें यह लोग अपना वास्तविक इतिहास बताकर और सभी लोगों के बीच घृणा भाव भरकर,यह लोग भारत को मानसिक ग़ुलाम बनाकर जीतना चाहते हैं, जो कि इनका 2500 वर्ष पुराना लक्ष्य हैं,लेकिन ब्राह्मणों के कारण और सनातन विज्ञान के चलते यह भारत को नहीं जीत सकते थे,इसलिये सनातन को असत्य ठहराने के लिए आधुनिक विज्ञान लाकर प्रकृति और मानवता का विनाश कर दिया।जब 2500 वर्ष पूर्व नास्तिकता अपने चरम सीमा में थी,तब ऐसे समय में दुनिया को नास्तिकता से बचाने के लिए सनातनी ईसा मसीह और पैगम्बर मोहम्मद आए और लोगों को ईश्वर के अस्तित्व पर भरोसा दिलाया।अगर हमें भारत और समस्त विश्व को पुनः एक सनातनी राष्ट्र में बदलना हैं, तो सबसे पहले आदि शंकराचार्य के अधूरे कार्य को पूरा करना होगा।
तब से लेकर आज तक अलग अलग मानसिक षड्यंत्रों और युद्धों के माध्यम से दुनिया पर सत्ता स्थापित करने की लड़ाई चल रही हैं, जो अपने अंतिम समय में हैं, क्योंकि विजय केवल सत्य,आस्तिकता और धर्म की होगी।
धन्यवाद :- बदला नहीं बदलाव चाहिए
