इकोसिस्टम अपना कार्य कर रहा है.
🚩🚩🚩🚩जय भारत🚩🚩🚩🚩🚩
भारत को दूसरी लहर में बर्बाद करने वाले इकोसिस्टम ने देश को तबाह करने के लिए फार्मा कम्पनियों से सांठगांठ कर तीसरी लहर की तैयारी भी शुरू कर दी….. 😊
जिस हेतु माहौल बनाना आरम्भ हो गया है.
केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि सिंगापुर में नया वैरियंट आया है जो बच्चों के लिए घातक है.
पहली लहर बुजुर्गों पर आई थी,
दूसरी ने युवाओं को निशाना बनाया
अब तीसरी बच्चों के लिए आ रही है.
ये संयोग नहीं प्रयोग है.
ये कोई प्रकृतिक रूप से सम्भव ही नहीं है …. कि स्ट्रेन उम्र देखकर अपना स्वरूप बदले.
विदेशी दवाइयों को भारत मंगवाने में एक मोटी कमिशन की गुंजाईश होती है जिसकी ओर हमारा ध्यान नहीं जाता भारत मे दूसरी लहर 24 मार्च से शुरू हुई …
जब अमिर खान संक्रमित हुए.
वे दूसरी लहर के ब्रेंड अम्बेसेडर थे.
ध्यान रखें कि संक्रमित होना और उसका दिखावा करना दो अलग विषय हैं……
उसपर हमनें 27 मार्च को इकोसिस्टम (Ecosystem) नामक एक पोस्ट लिखी थी.
मार्च में जब दूसरी लहर शुरू ही हुई थी, तब हमनें एक छोटी पोस्ट कर कहा था,
ये लहर खतरनाक है सतर्क रहें.
लेकिन तब आपके लिए ये मात्र साधारण वायरल फीवर था.
आमिर के बाद एकाएक बड़े-बड़े नामधारी सितारे संक्रमित होते है …
लेकिन सब बड़े आसानी से ठीक होकर विदेश निकल जाते है,
जाल में फंसता है “रोहित सरदाना”.
पर्दे के पीछे बड़े खेल खेले जाते है.
प्राकृतिक लहर से आसानी से निपटा जा सकता है,✔️ इकोसिस्टम के लहर से नही.
इस बार प्रधानमंत्री के सलाहकारों तक भी इकोसिस्टम ने प्रवेश किया.
हाल ही में “जमील” नामक एक साइंटिस्ट ने सरकार को कोसते हुए इस्तीफ़ा दे दिया.
वे प्रधानमंत्री के कोराना प्रबंधन सलाहकार टीम के प्रमुख सदस्य थे.
पर्दे के पीछे से बड़े खेल खेले जाते हैं.
लेकिन आप उसी पर प्रतिक्रिया देते है,,,
जो आपको सामने से दिखाई देता है ..
या यूं कहिए जो इकोसिस्टम आपको दिखाता है.
भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है.
दो-दो वैक्सीन भारत मे बनने से
वैश्विक फार्मा इकोसिस्टम की बैचेनी बढ़ गई.
प्रथम चरण में भारतीय इकोसिस्टम
(विपक्ष के लिब्रल) के जरिये …
भारतीय स्वदेशी अपने ही वैज्ञानिकों द्वारा डिवेलप की गई वैक्सीन के प्रति
भारत की जनता में भ्रम फैलाया गया.
हर उल्टे सीधे तरीके से जनता को डराया भी गया …. ताकि अपने देश की वैक्सीन ना लगवाए
【मोदी की वैक्सीन है … भाजपा की वैक्सीन है … मोदी ने इसमें माइक्रोचिप डाली है …. नपुंसक बना देगी … मौत हो जाएगी
👆👆याद है कि भूल गए🙏
तो वहीं दूसरी ओर
विदेशी वैक्सीन को बेहतर बताकर उसे प्रमोट किया गया.
दूसरे चरण में
हाहाकार मचाकर वैक्सीन की ऐसी किल्लत पैदा कर दी गई
कि
आखिरकार सरकार को विदेशी वैक्सीन की मंजूरी देनी पड़ी.
इकोसिस्टम को लगा था कि सरकार खुद विदेशी वेक्सीन खरीदकर जनता को मुफ्त देगी, ताकि अर्थव्यवस्था को और कमजोर कर के सरकार पर दोषारोपण किया जा सके
लेकिन सरकार ने बिना खरीदे उसी दाम में विदेशी वैक्सीन बाजार में उतार दी.
परिणामस्वरूप कल तक जो लोग फाइजर, स्पूतनिक की माला जप रहे थे.
आज वे दाम देखकर चुपचाप सरकारी अस्पतालों में फ्री भारतीय वैक्सीन लगवा रहे है, जिसकी बुराई करते नहीं थकते थे.
🤔🤔🤔🤔
अब बारी तीसरी लहर की है.
फार्मा इकोसिस्टम की नजर पुनः भारतीय बाजार पर है.
पूर्व में तीसरी लहर नवम्बर-दिसम्बर के आसपास बताई जा रही थी,
क्योंकि बच्चों की वैक्सीन भारत मे नही बनी है.
अतः इस बार भारतीय मार्केट पूरी तरह फार्मा लॉबी के लिए खुला था,
लेकिन ..
भारतीय कम्पनी कोवेक्सिन द्वारा अचानक से बच्चों की वैक्सीन ट्रायल की घोषणा होते ही इकोसिस्टम में खलबली मच गई.
जिससे घबराए इकोसिस्टम ने अब रणनीति बदलकर तीसरी लहर भारत में जल्दी जुलाई-अगस्त के आसपास लाने की तैयारी शुरू कर दी हैं.
जिसका नेतृत्व सर जी जैसे इकोसिस्टम के श्रेष्ठ खिलाड़ी कर रहे है.
दूसरी लहर में
सर जी इकोसिस्टम के
मैन ऑफ दी मैच बनकर निकले थे. दो माह पूर्व देश को ढिंढोरा पीट कर सरकार को सावधान करने की सूचना कहाँ से प्राप्त हो जाती है ?
हालांकि इकोसिस्टम की एक पूरी श्रृंखला है.
जिसमें सर जी के साथ “हमारे बच्चों की वैक्सीन विदेश भेज दी”
जैसे प्रोपेगैंडा चलाने वाली
OWL गैंग भी है.
दूसरी लहर खत्म भी नहीं हुई है लेकिन
तीसरी लहर का खौफ बनाना शुरू भी कर दिया.
दूसरी लहर में बहुत कुछ खो चुके भारत को तीसरी लहर के साथ साथ इकोसिस्टम को रोकना ही होगा.🚩🚩🚩🚩जय भारत🚩🚩🚩🚩🚩