प्रस्न — इस दुनिया की सबसे बड़ी सेवा क्या है ??
उत्तर (एक प्रयास) —
एक बार, एक व्यक्ति बहुत गुस्से मे आये और बोले कि , पूरी दुनिया ही पूरी भ्रष्ट , खराब हो गयी है ,
हर तरफ लूट , हत्या , घूस , रेप , बस यही हो रहा है , अब तो भगवान इस धरती पर प्रलह ला कर , फिर से नई सृष्टि का निर्माण करे, तो ही ये दुनियाँ ठीक हो सकती है ..
उनकी बात सुन कर, मेरे मुँह से निकल गया कि news चैनल, अखबार कम देखा करो
मेरी बात सुन कर वो तुनक कर बोले कि क्या आँख बन्द कर लेने से, समस्या सही हो जायेगी ??
उस भ्रमित इंसान की बात सुन कर मेरी आँख मे आँसू आ गया और अचानक मेरे मुँह से , दिल से ये line पैदा हो गयी कि –
“””जमाने को रोशन करना है अगर,
तो खुद का ही दीपक जलाना होगा ,
अंधेरो पर यू तोहमत लगाने से,
रोशनी नही हुवा करती “”””…..
लोगो की गलतियो को देखने मे , हम इतना खो गये है कि हम ये देख ही नही पा रहे है कि हम क्या करे ??
खुद को, परिवार को, समाज को सही करने के लिये , हमारे करने लायक क्या है ??
लोगो पर सिर्फ blaming किये जा रहे है , परिवार मे , पापा ने , मम्मी ने , भाई ने , बहन ने ,पति ने, पत्नी ने, बच्चो ने , ये गलत किया , ये गलत किया , पुलिस कुछ नही कर रही है,
नेता , सरकार कुछ नही कर रही है,
डॉक्टर, शिक्षक सब स्वार्थी हो गये है, सब बेईमान हो गए
ये blaming कर के हम क्या कर रहे है ??
परीवार ,समाज , देश की चिंता ?? सेवा ??
नही , सिर्फ झूठे अभीमान का सुख ले रहे है और इस आग मे घी डाल रहे है
हमारा मनं , ज़ितना अधिक इस blaming मे उतर कर झूठे अभीमान का सुख ले चुका होगा , उतना ही अधिक हम , उस सभी अपराधो मे लिप्त हो ज़ायेंगे ,और हमे पता भी नही चलेगा ..
क्यो की किसी भी case मे खुद की गलती , अपराध तो दिखायी ही नही देगा
क्यो कि , रोज ही हमे , कई बार ये निर्णय लेना होता है , कि क्या करे ? क्या न करे ?
उदाहरण — जब हम 100-200 की घूस लेते है, तो मन तर्क दे देगा कि नेता लोग तो 100-200 करोड़ ले रहे है , हम ने 200 ले लिये तो क्या हुवा ??
“”” लोग तो पी रहे है यहां,,, खूने ज़िगर
हम शराब पीते है , तो क्या गुनाह कर रहे है??
तर्क , blaming करने से , बहस करने से ,
चीजे , समस्या ठीक नही होगी
हमे खुद ही अपना कुसंग कम करना होगा , और शुभ संग , सतसंग बढ़ाना होगा , ताकी हम खुद की गलतियो को देख सके , खुद को सुधार सके
खुद को सुधारना ही इस दुनिया की सबसे बड़ी सेवा है
इस दुनियां का सबसे आसान कार्य — दुसरो में गलतियां निकलना
सबसे मुश्किल कार्य — खुद को सुधारना