जब सभी धर्म समान है तो ईसाई और इस्लाम में धर्म परिवर्तन की व्यवस्था क्यों ?
मुझे आज तक समझ नहीं आया कि जब कांग्रेस, सपा, बसपा, ममता आदि को हिन्दुओं की चिन्ता नहीं तो हिन्दू उन्हें वोट ही क्यों देते हैं?
ऐसे राष्ट्र के दुश्मन हिन्दुओं को आप क्या नाम देना चाहोगे??
वैसे भी *सारे मुसलमान ख़राब नहीं होते बात तो सही ही है। अलजजीरा के सर्वे में यह खुलासा हुआ — मात्र 81% मुसलमान ही ISIS को सपोर्ट करते हैं।
मुसलमानों का आरक्षण रद्द करे सरकार।
जब मुसलमान कहते हैं इस्लाम में सब बराबर हैं तो छोटा बडा मुसलमान कहां से हुआ ?
विश्व मे एक भी हिन्दूराष्ट्र नही है, पता है क्यों क्योकि
हिंदूओ को सिर्फ अपनी जातियों को महान बताना आता है
अपने धर्म को नही
45 डिग्री तापमान में रोज़ा रखते हुए भी सभी मुसलमान धूप में वोट देने गए !!
न विकास चाहिये
न ख़ैरात
न आरक्षण..
न बाबरी मस्जिद .
न गन्ना और न पेट्रोल !!
बस उलेमा ए देवबंद ने कहा कि, BJP को हराने के लिये घरों से निकलो, सबने मान लिया और निकल पड़े… !!
यह होती है एकता…
जो भी दुविधा है हिंदुओ में ही है…एक बार इसलिये सहजानंद सरस्वती ने मुसलमानों को पक्का और अपने धर्म के प्रती कट्टर कहा और हिंदुओ को हिजड़ों का समूह तक कह डाला था। जो जितना पढा लिखा है… वो उतना ही सनातन धर्म का अपमान कर अपने को secular बता विकसित मानसिकता का व्यक्ति समझता है…
कैराना में पांच लाख मुस्लिम वोटरों ने बारह लाख हिंदुओं को हरा दिया इसे कहते एकजुटता…
वो 18 वर्षों में गोधरा नहीं भूले हम 18 महिनों में कैराना भूल गए…??
हिन्दुओ…सेक्युलरिज़्म ही तुम्हारे पतन का कारण बनेगा…
स्मरण रहे…
मुसलमानों को ओ बी सी का लाभ नहीं मिलना चाहिए