अनुवादखोर वामपंथियों …
कन्यादान में कन्या शब्द है । यह बेटीदान, लड़की दान या डॉटरदान नहीं है ।
तुम धूर्तों को न कन्या शब्द का अर्थ पता है और न ही दान का तो तुम्हें तो कन्या टीवी फ्रिज जैसी ही दिखेगी ।
अरे धूर्तों , संस्कृत भाषा में कन्या एक विलक्षण शब्द है इसमें पुरूष होता ही नहीं । इस शब्द का पुल्लिंग भी नहीं होता ।
धूर्तों बेटी बेटा या लड़की लड़का सुना है कहीं पर कन्या का पुल्लिंग पढ़ा है ?
क अर्थात् शक्ति है । न्, ब्रह्म का द्योतक है और परिपूर्ण कला को “ या “ से संबोधित करते हैं । कन्या वही परिपूर्ण शब्द है जो शुद्ध प्रकृति का भी स्वरूप है । और कन्या के इसी “ या “ से देवी की शक्ति की सर्व स्तुति हो सकती है ।
अत: न तो तुम्हें दान का अर्थ पता है और न ही कन्या का और चल पड़े कन्यादान का विरोध करने ?
दान , का अर्थ चैरिटी नहीं है अनुवाद खोरों ।
और तुम अपनी बेटियों को जो ब्रा फिकवा कर उच्छृंखल बना रहे हो वो फिर सिंगल मदर बनकर जिंदगी भर रोया करेंगी या शीघ्र ही विधर्मियों के चंगुल में होंगी तब चर्चा करना की उनकी पिटाई तो किताब के अनुसार नहीं हुयी , अधिक पिटाई हो गयी ।
हरामखोरो वामपंथी तुम पिता तो कभी बने नहीं क्योंकि तुम्हारे कंसेप्ट में नहीं है ।
मुझे यह इस लिए पता है कि मै दो बेटी पल्लवी (ब्यूटी) पल्लवी उर्फ (पायल) का पिता हूं एक का ससुर हूं दूसरी का पिता हूं और इसी बेटी का कन्या दान 22 मई 2021 को मुझे भी करना है । उसके बाद दो और बेटी (छोटे भाई की लड़की ) का भी करना है
ब्यूरो चीफ
दिनेश सिंह
आजमगढ़