कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट के जजों को कैसे मैनेज करती थी उसका एक उदाहरण बाबरी ढांचा तोड़ने के बाद उत्तर प्रदेश की सरकारों के साथ-साथ मध्य प्रदेश हिमाचल प्रदेश और राजस्थान की सरकारों को बर्खास्त करने का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में चले केस से जानिए
बीजेपी के वकील के कई बार रिक्वेस्ट करने के बावजूद भी बेंच तारीख पर तारीख देती रही सिंगल बेंच से डबल बेंच की डबल बेंच से चीफ जस्टिस बैंच सुनवाई पर सुनवाई होती रही और लगभग 1 साल के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया और अपने फैसले में यह माना क्योंकि बाबरी ढांचा उत्तर प्रदेश में तोड़ा गया है और यह उत्तर प्रदेश सरकार की गलती हो सकती है तो केंद्र का उत्तर प्रदेश सरकार का लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दे पर बर्खास्त करना तो जायज है
लेकिन राजस्थान हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार को बर्खास्त करना बिल्कुल गलत था लेकिन सरकारों को बर्खास्त करने को गलत मानने के बावजूद भी सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी की सरकारों को वापस बहाली का आदेश नहीं दिया बल्कि कहा कि चुकी केंद्र ने अपने अधिकार 356 का इस्तेमाल किया है इसलिए इन राज्यों में अब दुबारा चुनाव होकर नई सरकार बन सकती है
मतलब एक तरफ सुप्रीम कोर्ट ने यह मान लिया था की सरकारों की बर्खास्तगी गलत है लेकिन उसने गलती नहीं सुधारी जबकि सुप्रीम कोर्ट को यह आदेश देना था कि इन तीनों राज्यों की बीजेपी सरकारों को फिर से बहाल किया जाता है
आपको क्या लगता है यह सब यूं ही हो गया होगा