कोरोना से 222 से अधिक देश/क्षेत्र प्रभावित है!
वामपंथियों के कुतर्क के आगे राइट विंगरो को लगता है कि 7 साल में हेल्थ सेक्टर को सुधारने के लिए मोदीजी ने कुछ किया ही नहीं!
जबकि दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ केयर योजना “आयुष्मान भारत” मोदी सरकार ही लेकर आई है! जिसमे 50 करोड़ लोगों को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपए तक की चिकित्सा सुविधा दी जा रही है! अब तक इस योजना का लाभ 1.78 करोड़ लोगों ने उठाया है!
मोदी सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में:
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत 16 एम्स बनवाए/बनवा रहे है!
157 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज बनवाए/बनवा रहे है! (47 काम कर रहे हैं और शेष मेडिकल कॉलेज कुछ वर्षों में काम करने लगेंगे।)
2013-14 में 384 सरकारी + प्राइवेट मेडिकल कॉलेज थे!
2020-21 में 562 सरकारी + प्राइवेट मेडिकल कॉलेज है!
इसी अवधि के दौरान, 179 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित हुए हैं।
6 साल में 30,300 MBBS सीटें बढ़ाई और 30,000 पोस्ट ग्रेजुएशन सीटें बढ़ाई! क्रमश: 55.75% और 80% सीटों में वृद्धि हुई है।
2014 में 54,348 MBBS सीटें थी और वर्तमान में 84,649 से अधिक MBBS सीटें है! इसमें 42,500 से ज्यादा सीटें सरकारी कॉलेजों की है!
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के अनुसार देश में 10.78 लाख से अधिक रजिस्टर्ड MBBS डॉक्टर्स है!
1,04,860 से ज्यादा आयुष्मान भारत-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स को अनुमति दी।
7,688 जन औषधि केंद्र खोले जो लोगों को सस्ते दामों पर जेनेरिक दवाइयां और मेडिकल उपकरण उपलब्ध करवा रहे है।
आयुष को मुख्य धारा में लाने के लिए 7,785 पीएचसी, 2,748 सीएचसी, 496 डीएचएस, एससी से ऊपर व ब्लॉक से नीचे 4,022 स्वास्थ्य सुविधाओं और सीएचसीएस के अतिरिक्त ब्लॉक से ऊपर और जिलास्तर के नीचे 371 स्वास्थ्य सुविधाओं में आयुष सुविधाओं को शुरू किया गया है।
1 नवंबर 2020 तक 33 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में रोगों की नि:शुल्क जांच प्रयोगशाला सेवाएं लागू की जा चुका हैं।
देश भर में एनएचएम के तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कुल 10.61 लाख आशा बहने हैं। आशा बहनों की प्रोत्साहन राशि को 1000 रुपए से बढ़ाकर 2000 रुपए किया।
ग्रामीण स्तर पर 5.53 लाख ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता और पोषण समितियों (वीएचएसएनसी) का गठन किया गया है।
मेरा अस्पताल, पीएचसी में 24×7 सेवाएं, कायाकल्प, स्वच्छ भारत अभियान, मलिन बस्ती पुनर्वास, सुरक्षित मातृत्व अभियान, मिशन इंद्रधनुष, पोषण अभियान, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, टीबी मुक्ति कार्यक्रम आदि अनेक योजनाएं शुरू की गई।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम (पीएमएनडीपी) (हेमो-डायलिसिस) को कुल 35 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 503 जिलों के 882 डायलिसिस केंद्रों पर 5490 मशीनें लगाते हुए लागू किया गया है।
देश में एनएचएम के तहत 716 जिलों में से 504 में 1677 एमएमयू (मोबाइल मेडिकल यूनिट) के लिए मदद दी गई है।
2019 में ऐतिहासिक राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम को पारित किया गया था। अब, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग का गठन किया गया है, 25 सितंबर, 2020 से प्रभावी बना है।
एमडीएस सीटों में वृद्धि: देश में एमडीएस सीटों की कुल संख्या 6,689 पहुंच गई।
बीडीएस सीटों में बढ़ोतरी: देश में कुल बीडीएस सीटों की संख्या 27,595 तक पहुंच गई।
2020-21 में 2 डेंटल कॉलेज की स्थापना के साथ देश में कुल डेंटल कॉलेजों की संख्या 315 हो गई ।
कोरोना से लड़ने के लिए मोदी सरकार ने अब तक:
जांच के लिए 0 से 2288 (सरकारी + निजी) लैब स्वीकृत की!
बिना ऑक्सीजन वाले 12,67,127 आइसोलेशन बेड के साथ कुल 15,378 कोविड उपचार सुविधाओं को बनाया गया।
कुल 2,70,710 ऑक्सीजन सहित आइसोलेशन बेड और 81,113 आईसीयू बेड (40,627 वेंटिलेटर बेड सहित) बनाए।
इसके अलावा, 5,91,496 बेड वाले कुल 12,669 क्वारंटीन सेंटर भी बनाए।
टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके इस महामारी से निपटने के लिए एक डिजिटल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा किया।
जीनोम सीक्वेंसिंग (जीन अनुक्रमण) के लिए 10 प्रयोगशालाओं को स्वीकृति दी।
कोरोना वैक्सीनेशन के लिए कोल्ड चेन स्थापित करना।
कोरोना की 2 वैक्सीन भारत ने बनाई। कई अन्य स्वदेशी वैक्सीन ट्रायल के विभिन्न चरणों में है।
94 देशों को 6.6 करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज देकर सर्वे संतु निरामया का मंत्र दुनिया भर में पहुंचाया।
अब तक 105 दिन में भारत में 15.5 करोड़ वैक्सीनेशन हो चुका है। दुनिया में सबसे तेज वैक्सिनेशन भारत में हो रहा है।
वंदे भारत मिशन के तहत पिछले वर्ष 67.5 लाख भारतीय नागरिकों को विदेशों से भारत लाया गया।
देश में एलएमओ का उत्पादन अगस्त 2020 में 5700 एमटी/दिन से बढ़कर वर्तमान में 8922 एमटी (25 अप्रैल 2021 को) हो गया है।
भारत रेमेडिसविर की 4,50,000 शीशियों का आयात कर रहा है। 50,000 मिट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का आयात कर रहा है।
सरकार ने देश में भी रेमेडिसविर की उत्पादन क्षमता को बढ़ा दिया है। 27 अप्रैल तक सात लाइसेंस प्राप्त घरेलू निर्माताओं की उत्पादन क्षमता प्रति माह 38 लाख शीशियों से बढ़कर 1.03 करोड़ शीशियों प्रति माह हो गई।
पीएम केयर फंड के तहत 50,000 से अधिक वेंटीलेटर की खरीद की गई। इसके लिए 2,000 करोड़ रुपए खर्च किए गए।
पीएम केयर फंड के तहत देशभर में 1,213 PSA प्लांट लगाने की स्वीकृती दी गई है।
स्वास्थ्य और कल्याण व्यय: ₹2,68,151 करोड़ (2014 से 2020 तक)
स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र व्यय: ₹2,23,846 करोड़ (2021-22 के लिए)
स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र व्यय: 94,452 करोड़ (2020-21 के लिए)
आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना व्यय: ₹64,180 करोड़ (6 वर्षो के लिए)
कोविड19 टीकाकरण व्यय: ₹35,000 करोड़ (2021-22 के लिए)
15 नए एम्स का निर्माण: ₹18,857 करोड़ (2014 के बाद)
जल जीवन मिशन (शहरी) व्यय: ₹2,87,000 करोड़ (5 वर्ष के लिए)
स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत व्यय: ₹1,41,678 करोड़ (5 वर्ष के लिए)
प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के अंतर्गत:
स्वास्थ्य के लिए एक राष्ट्रीय संस्थान का निर्माण
17,788 ग्रामीण और 11,024 शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केन्द्र का निर्माण
वायरोलॉजी के लिए 4 क्षेत्रीय राष्ट्रीय संस्थान का निर्माण
15 स्वास्थ्य आपात ऑपरेशन केन्द्र और 2 मोबाइल अस्पताल
सभी जिलों में एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं और 11 राज्यों में 33,82 ब्लॉक सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयां
602 जिलों और 12 केन्द्रीय संस्थानों में क्रिटिकल केयर अस्पताल ब्लॉक स्थापित करना
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र (एनसीडीसी), इसकी 5 क्षेत्रीय शाखाओं और 20 महानगर स्वास्थ्य निगरानी इकाइयों को सुदृढ़ करना
एकीकृत स्वास्थ्य सूचना पोर्टल का सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में विस्तार ताकि सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं को जोड़ा जा सके
17 नई सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों को चालू करना और 33 मौजूदा सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों को मजबूत करना
विश्व स्वास्थ्य संगठन- दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के लिए क्षेत्रीय अनुसंधान प्लेटफॉर्म का निर्माण
9 बायो सेफटी लेवल प्रयोशालाओं का निर्माण