क्या श्रीराम नाम सुनकर आपको गर्व होता है?
क्या आपके अन्दर ‘हर-हर महादेव’ उच्चारण करने से रक्त में उबाल आता है?
क्या ‘जय बजरंगबली’ बोलने से आपके रोंगटे खड़े होते हैं?
यदि हाँ, तो आप सच्चे सनातनी हैं।
एक बार एक IAS officer ने एक सन्त को अपने घर प्रवचन के लिए बुलाया।
सन्त व्यास-गद्दी पर बैठे तथा हरिनाम का उच्चारण किया। सब चुप रहे, कुछ देर बाद उस IAS ने सन्त से कहा – स्वामीजी, कुछ ज्ञान दीजिये।
सन्त ने कहा – बस राम-राम सुमिरो।
थोड़ी देर बाद फिर उस IAS ने कहा – भगवन, आगे तो बोलिए!
सन्त ने कहा – तू एकदम गधा है।
सब ये सुनकर सन्न रह गए। सन्नाटा छ गया। कुछ देर बाद सन्त ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा – तुमको गधा बोलने से बुरा लगा ?
IAS ने कहा – जी, बुरा लगा।
सन्त ने कहा – बुरा इसलिए लगा क्योंकि तुम जानते हो कि गधा क्या है। नाम लेते ही उसकी छवि सामने आ गयी, पर तुम अभी श्रीराम को नहीं जानते, इसलिए उनकी छवि नहीं बन पाई। सो, सब ज्ञान से पहले श्रीराम को जानो!
यदि श्रीराम का नाम सुनकर गर्व नहीं हुआ तो सब बेकार है।
जय श्रीराम