:-: चुनाव प्रणाली :-:
महान मनुवादी सनातनी चुनाव प्रणाली के नियम निम्न हैं :-
- प्रत्येक 3 वर्ष में चुनाव होंगे और जो व्यक्ति 3 बार चुनाव जीत चुका हो,वह चौथी बार चुनाव नहीं लड़ सकता और एक बार जहाँ से जीत गया हो,दोबारा उसी क्षेत्र से प्रत्याशी नहीं बन सकता।
- सार्वजनिक स्थान पर प्रत्याशियों के मध्य शास्त्रार्थ वाद विवाद होगा,जो अधिक ज्ञानी व अनुभवी होगा,वह विजयी होगा।
- किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने पर,उस व्यक्ति की आने वाली सात पीढ़ियों को भी चुनाव लड़ने से रोक।
- प्रत्याशी की पूर्व की सात पीढ़ियों ने निस्वार्थ भाव से पहले समाजसेवा की हो,तभी वह चुनाव में खड़ा हो सकता हैं।
- अपने विजयी चुनावी वर्षों में गृहस्थ जीवन का त्याग करना अनिवार्य हैं।
- प्रत्याशी का पूर्णतः सात्विक व शाकाहारी होना आवश्यक हैं और एक समय में एक परिवार या एक समाज से एक ही सदस्य चुनाव लड़ सकता हैं।
अब आप स्वयं ही अनुभव कर लीजिए कि जब से संवैधानिक प्रणाली आई हैं, तब से ही समाज में अपराध,भ्रष्टाचार, नैतिक पतन जैसी समस्याएं क्यों पैदा हुई ? विजय सत्य की ही होगी।
धन्यवाद :- बदला नहीं बदलाव चाहिए