:-: जनसंख्या नीति :-:
इस पृथ्वी पर कौन सा जीव कब,कहाँ और कितनी संख्या में पैदा होगा,यह सब ईश्वर पर निर्भर करता हैं।किसी भी जीव की संख्या उतनी ही रहेगी,जिससे उसका जीवनयापन हो सकें।सभी जीवों के लिए पर्याप्त संसाधन उपस्थित हैं,लेकिन जब प्रकृति से खिलवाड़ करते हुए मनुष्य, स्वयं मनुष्यों और दूसरें जीवों की जनसंख्या को नियंत्रण करने का प्रयास करते हैं, तो उसके भयानक मानसिक और प्राकृतिक दुष्परिणाम होते हैं।चीन,इटली,जापान जैसे कई देश हैं, जिन्होंने जनसंख्या नियंत्रण नीति लागू की,जिसके फलस्वरूप आज वहां कि आबादी कई प्रकार के मानसिक और प्राकृतिक विकारों से घिरी हुई हैं।इस पृथ्वी पर उतने ही मनुष्य पैदा होंगे,जितने की आवश्यक हैं, उससे अधिक होने पर प्रकृति उन्हें स्वयं ही नियंत्रित कर लेती हैं।मनुष्यों के हाथ में केवल व्यवस्था का संचालन बस हैं, अगर संचालन करने वाले मनुष्य उच्च कोटि के होंगे,तो सही बंटवारे और व्यवस्थित व्यवस्था के कारण ,सभी मनुष्य और अन्य जीव सुखी सम्पन्न जीवन जिएंगे,लेकिन अपनी विचारधारा और निज स्वार्थों की पूर्ति के लिए,जब स्वार्थी और निम्न कोटि के मनुष्य जब प्रकृति की संचालन व्यवस्था का नेतृत्व करने लगते हैं, तो अपनी अप्राकृतिक विचारधारा को बचाने के लिए,जनसंख्या नियंत्रण जैसे नियम बनाकर,प्रकृति का संतुलन बिगाड़ देते हैं।वर्तमान में भी यहीं हो रहा हैं।एक जीव की जितनी इच्छा हो वह उतने बच्चें पैदा कर सकता हैं, संसाधनों की कमी अज्ञानता और प्राकृतिक शोषण वाली वर्तमान व्यवस्था से हुई ,जनसंख्या के कारण नहीं।विजय सत्य की ही होगी।
धन्यवाद :- बदला नहीं बदलाव चाहिए
