:-: टी. बी . योद्धा :-:
सफदरजंग के डॉक्टरों की रिपोर्ट हैं कि जिन कोरोना मरीजों को कोर्टिको स्टेरॉइड दिया गया,उससे टी.बी.,अवसाद के नये मरीज तैयार होंगे।उसके बाद भारतीय मीडिया और राजनीति की बातें:-
- मंदिर बनाने के स्थान पर टीबी अस्पताल बनाये होते ,तो आज ऐसा न होता हैं।
- जिन कंपनियों ने पहले ही टीबी की दवाई बना ली होगी,उन कम्पनियों की ही दवाईओ से आप ठीक होंगे।
- भारत में टीबी और अवसाद को लेकर जागरूकता नहीं हैं।
- कोरोना को हल्के में लेने से टीबी के मरीज बढ़े।
- यह भारतीय या इंडियन टी.बी. हैं।* यह आज्ञाकारी वायरस पहले,बूढ़ो, फ़िर जवानों और फ़िर बच्चों को होगा ही।
सारी ग़लती एलोपैथी डॉक्टरो की दी हुई दवाई की होगी और उसके लिये जिम्मेदार मनुस्मृति, ब्राह्मणवाद और सनातन जीवन शैली बता दी जायेगी।कोरोना योद्धा के समान ही टीबी योद्धा, अवसाद योद्धा पैदा कर दिये जायेंगे।एलोपैथी में एक भी ऐसी दवाई नहीं, जिसके दुष्प्रभाव न होते हो,या जिसे खाने की आदत न लगती हो,एक दवाई से अनेकों बीमारियां पैदा की जाती है।यह एलोपैथी को स्थापित करने के लिये की गई ,सुनियोजित हत्याएं हैं।मानवता के नाते इन्हें बंद होना चाहिए।
धन्यवाद :- बदला नहीं बदलाव चाहिए