शरद पवार भी रेनकोट पहन कर नहाते हैं,अनिल देशमुख ने शायद धमकी दे दी,
रेनकोट उतार दूंगा अगर मुझे छेड़ा तो –
जो शरद पवार महाराष्ट्र में चल रहे हर किसी गोलमाल पर पीछे से खेल खेलते
रहे हैं, वो 2 दिन में 2 बार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गए –उनकी कुछ बातों पर टिपण्णी
करना जरूरी है —
कल पवार ने कहा कि सचिन वाजे को नौकरी में बहाल करने का फैसला ना
सी एम् ने किया और ना गृह मंत्री ने –ये फैसला खुद परमबीर सिंह ने लिया था –
पवार साहब वाजे की बहाली के बारे में बोल कर कहना चाहते थे कि परमबीर
तो गड़बड़ है ही, वाजे भी गड़बड़ है –
पवार साहब, प्रशाशन का इतना पुराना तजुर्बा होने के बाद भी भूल गए कि सरकार
के विभाग में ऐसे काम “सक्षम अधिकारी”करता है (Competent Authority) और
वाजे को बहाल करने के लिए परमबीर के द्वारा गठित समिति सक्षम थी –
पवार साहब तो खुद महाराष्ट्र सरकार में एक गैर संवैधानिक पद पर विराजे
हुए हैं और इसका सबूत है कि उन्हें परमबीर हर मामले की जानकारी
देते थे –
ऐसा हो ही नहीं सकता कि वाजे को बहाल करने से पहले परमबीर ने मुख्य
मंत्री और गृह मंत्री से सलाह ना की हो-
पूर्व सी एम् देवेंद्र फडणवीस के कहा है
कि उनके मुख्य मंत्री होते हुए भी उद्धव
ठाकरे ने उसे बहाल करने के लिए जोर
डाला था और इस बात का किसी ने
खंडन नहीं किया —
ऐसे में, अपनी सरकार होते हुए उद्धव
ठाकरे ने परमबीर सिंह को सचिन वाजे
को बहाल करने के लिए ना कहा हो,
ऐसा हो ही नहीं सकता –
कल शरद पवार कह रहे थे कि अनिल
देशमुख के खिलाफ आरोप गंभीर हैं
और आज सफाई देने फिर मीडिया में
आ गए –ये सफाई मुख्य मंत्री को देनी
चाहिए थी क्यूंकि पवार ने कल कहा था
कि देशमुख पर फैसला उद्धव लेंगे —
आज लगता है, अनिल देशमुख ने पवार
साहब को धमकी दे दी थी कि अगर
मुझे छेड़ा तो मैं आपका रेनकोट तो
उतार ही दूंगा, उसके अलावा और भी
सबके भेद खोल दूंगा -यानि शरद
पवार जैसे सेर को देशमुख जैसा सवा
सेर मिल गया —
ये वसूली कांड देख कर अब साफ़ हो
गया कि पिछले चुनाव के बाद उद्धव
ठाकरे भाजपा के पीछे क्यों पड़े थे
अपना मुख्य मंत्री बनाने के लिए और
जब बात नहीं मानी भाजपा ने, तब
कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिल
गए दोनों हाथ से लूटने के लिए -आज
तिकड़ी लूट रही है —
कल शरद पवार से मीडिया वालों ने
पूछा कि क्या शाम को आपके घर पर
कोई बैठक होने वाली है लेकिन पवार
ने मना कर –मगर शाम को उनके घर
पर बैठक हुई जिसमे एनसीपी के नेता
तो थे ही, शिव सेना का संजय राउत
और कांग्रेस का कमलनाथ भी था
और इसका बैठक में शामिल होना
ताज्जुब की बात है –