दूसरा विश्वयुद्ध 3 हठी राष्ट्रों जर्मनी इटली व जापान के कारण हुआ था 1939 से 1945 तक 6 साल चले युद्ध में सात से 8 करोड़ लोग मारे गए थे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई थी व युद्ध की समाप्ति अमरीका द्वारा जापान के दो शहरों हिरोशिमा व नागासाकी में परमाणु बम्ब हमले के बाद हुई थी जिसमें दोनों शहरों में लाखों लोग मारे गए थे ।
हालात ही नही तीसरा विश्वयुद्ध कब का शुरू हो चुका है पहला विश्वयुद्ध पारंपरिक हथियारों से लड़ा गया था तो दूसरे विषयुद्ध में परमाणु बम्बों का भी इस्तेमाल हुआ ।
लेकिन तीसरा विश्वयुद्ध बायलोजिकल वॉर है जिसकी शुरुआत चीन ने दिसम्बर 2019 में कर दी थी और चीन का वो बायलोजिकल हथियार है जिसका नाम है कोरोना चीन जो दुनिया की आर्थिक व वैश्विक महाशक्ति बनना चाहता है इसके लिए चीन ने इस सदी के शुरू होने से पहले ही तैयारी शुरू कर दी थी ।
इसके लिए चीन ने वुहान शहर में एक बायलोजिकल लैब बना रखी है जिसमें एक कोरोना ही नही बहुत से जैविक बायलोजिकल हथियारों पर धड़ल्ले से काम चल रहा था ।
2015 में चीन की आर्मी PLA के कई बड़े अफसरों के कोरोना को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने के दस्तावेजों का भी खुलासा हो चुका है । अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प व उनके विदेश मंत्री रहे माइक पोम्पियों तो कोरोना को चीनी वायरस बार बार कहते रहे हैं ।
WHO के अधिकारियों की एक जांच टीम चीन में कोरोना वायरस की जांच के लिए गई थी जिन्हें वुहान शहर की उस चीनी वायरस वाली लैब में घुसने भी नही दिया पता नही क्यों WHO ने कोरोना वायरस के लिए चीन को क्लीन चिट दे दी उस समय के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने तो WHO से अमरीका का नाता ही तोड़ लिया था व WHO को जो फण्ड अमरीका देता था उस पर रोक भी लगा दी थी ।
लेकिन डोनाल्ड ट्रम्प के चुनाव हारने के बाद जो बाइडेन की नई सरकार ने फिर से WHO में शामिल होना स्वीकार कर लिया । लेकिन कोरोना से सबसे ज्यादा मौतें 6 लाख से ज्यादा अमरीका 4 लाख से ज्यादा ब्राज़ील व लगभग सवा तीन लाख के लगभग मौतें भारत में भी हो चुकी है पूरी दुनिया में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 35 लाख से ऊपर व संक्रमितों का आंकड़ा 16 करोड़ के लगभग है ।
अमरीकी राष्ट्रपति ने अपने CIA के गुप्तचरों को निर्देश दिया है कि 90 दिन में कोरोना की उतपत्ति प्रारंभिक प्रसार कहां से हुआ इसकी रिपोर्ट मांगी है लेकिन उससे पहले ही इंग्लैंड व नॉर्वे के दो साइंटिस्ट ने अपने 18 महीने की मेहनत से ये शाबित कर दिया है कि कोरोना कोई प्राकृतिक वायरस नही बल्कि मानव मेड वायरस है जो चीन की वुहान की लैब में तैयार किया गया था ।
चीन तिलमिलाया हुआ है व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के कोरोना पर दिए गए जांच के आदेश के बाद चीन के ग्लोबल टाइम्स ने अमरीका को परमाणु हमले की धमकी दी है चीन का ये ग्लोबल टाइम्स कोई प्राइवेट अखबार नही बल्कि चीन की कोमनिष्ट पार्टी का ही अखबार है जिस पर चीन सरकार का ही नियंत्रण है ।
इंग्लैंड व नॉर्वे के दो साइंटिस्ट ने तो कोरोना को चीन का वायरस करार दे ही दिया है लेकिन जब 3 महीने बाद अमरीका की CIA की रिपोर्ट कि कोरोना चीन का जैविक हथियार था जिसे चीन ने पूरी दुनिया में फैलाया है तो निश्चित तौर से चीन इस खुलासे को नही पचा पाएगा ।
जैसे दूसरे विश्वयुद्ध में जापान इटली व जर्मनी उस युद्ध के गुनहगार थे वैसे ही तीन देश चीन उत्तरी कोरिया व चीन का पिल्ला पाकिस्तान एक तरफ हो सकते हैं व बाकी दुनिया एकतरफ ।
सही मायने में तो यूरोप के सभी देश अमरीका भारत आस्ट्रेलिया जापान ब्राज़ील व अन्य देश चीन से अपने राजनैतिक सम्बन्ध समाप्त कर ले व चीन की ना केवल वीटो पॉवर छीनने की आवश्यकता है बल्कि उसे UNO से भी निष्कासित करने की आवश्यकता है चीन की विस्तारवादी नीति व दुनिया की महाशक्ति बनने की सनक ने पिछले लगभग डेढ़ साल में अपने जैविक हथियार कोरोना से पूरी दुनिया को बेहाल कर रखा है सारी दुनिया की आर्थिक गतिविधियां पिछले डेढ़ साल से लगभग ठप्प है व इस कोरोना बायलॉजिक हथियार की वजह से पूरी दुनिया में सभी देशों को खरबों डॉलर खर्च करने पड़े हैं वही चीन की आर्थिक गतिविधियां छलांगे मार रही है चीन की GDP ग्रोथ भी तेजी से बढ़ी है ।
जय श्री राम ।
इन्दिरा तिवारी