:-: धर्मनिरपेक्षता :-:
अनावश्यक रूप से 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक 21 महीनें की अवधि में भारत में आपातकाल के दौरान ,भारतीय संविधान में 1976 में 42 वा सँविधान संशोधन करके धर्मनिरपेक्षता शब्द जोड़ा गया।इस शब्द को जोड़ने से पहले देश के विपक्ष और जनता से राय न लेना,तानाशाही नहीं हैं?जब भारत को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित किया तो राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह जैसे अशोक चक्र को क्यों नहीं बदला गया? जब देश धर्मनिरपेक्ष हैं ,तो उसके प्रतीक चिन्ह 2500 वर्ष पुराने बौद्ध शासन काल के समय के क्यों हैं ?? क्या 2500 वर्षो में भारत में कोई ऐसा योग्य राज्यशाही या राजा नहीं हुआ,जिसके राजशाही प्रतीक को भारत का राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह बनाया जाता ?? क्या धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के लिये धरनिरपेक्ष प्रतीक चिन्ह का निर्माण नहीं किया जा सकता हैं?? या फ़िर धर्मनिरपेक्ष कहीं एक शाब्दिक मायाजाल तो नहीं ,जिसका अर्थ नास्तिकता से हो ?? आपातकाल के समय ही सँविधान संशोधन करने की क्या आवश्यकता पड़ी ??जब नेपाल के सँविधान में धर्मनिरपेक्ष शब्द जोड़कर,उसका हिन्दुराष्ट्र का दर्जा समाप्त किया गया,तो वहाँ की जनता ने हिन्दुराष्ट्र के समर्थन आंदोलन किया,जिसके कारण आज भी नेपाल में अस्थिरता का माहौल हैं।इस मुद्दे पर नेपाल हमसे ज्यादा श्रेष्ठ और मुखर हैं।
धन्यवाद :- बदला नहीं बदलाव चाहिए
