:-: नींबू षडयंत्र :-:
जब आम लोगों को समझ आने लगा कि सन 1950 से सरकारें व संविधान मिलकर,हिंदू पर्वो के समय ही मिलावटी मावे पर छापा मारते हैं, जिससे मावे से ध्यान हटाकर,चॉकलेट कंपनियों को लाभ पहुँचा सकें और पश्चिमी संस्कृति को हम पर थोपकर, हमें बीमार बना सकें,इसलिये सॉफ्टड्रिंक कंपनियों के प्रति जैसे ही लोगों का मोह भंग होने लगा वैसे ही कोल्डड्रिंक कंपनियों को लाभ पहुँचाने के लिए नींबू वाला खेल खेला गया।जब आप महंगी कोल्डड्रिंक पी सकते हो,तो महंगा नींबू पानी पीने में क्या दिक्कत हैं ?? नींबू पानी से देश का पैसा देश में ही रहेगा न ? जब 5 की कोल्डड्रिंक 50 की हो गई तो 1 का नींबू 10 का नहीं हो सकता क्या ?? विदेशी कंपनियों के जाल में मत उलझिए,कितना भी महंगा हो जाए नींबू पानी ही पीजिए, इससे रोजगार भी बढ़ेगा और शरीर भी स्वस्थ रहेगा। जब विदेशी वस्तुओं के दाम बढ़ने पर महंगाई का रोना नहीं रोते तो देशी वस्तुओं के दाम बढ़ने पर महंगाई का रोना क्यों रोना ??? षड्यंत्र वहीं ,सोच नई !!!!! विजय सत्य की ही होगी।
धन्यवाद :- बदला नहीं बदलाव चाहिए
