नेपोलियन का स्वाभिमानअपना ताज खुद अपने सिर पर रख।
2 दिसंबर 1804 तक नेपोलियन ने अपनी विजयों से फ्रांस को शत्रुविहीन कर दिया।अपने शौर्य से नेपोलियन खुद फ्रांस के सम्राट के तौर पर एक बड़े दावेदार बन गए ।2 दिसंबर 1804 को पेरिस के नोत्रेदाम कैथेड्रल में नेपोलियन बोनापार्ट की नेपोलियन प्रथम के तौर पर ताजपोशी हुई। करीब एक हजार साल के बाद सम्राट के तौर पर फ्रांस के सिंहासन पर बैठने वाले नेपोलियन पहले शासक थे।
लेकिन इसी दौरान एक बहुत दिलचस्प घटना घटी
-फ्रांस में ये परंपरा थी कि सम्राट के सिर पर ताज हमेशा पोप ही रखता था । फ्रांस के पोप पायस ने नेपोलियन के सिर पर ताज रखने के लिए ताज उठाया। इससे पहले कि पोप पायस नेपोलियन के सिर पर ताज रखते। नेपोलियन ने उनके हाथ से ताज ले लिया और खुद ही ताज अपने सिर पर रखा।इस घटना पर नेपोलियन ने कहा कि उन्होंने फ्रांस का सिंहासन किसी पोप की कृपा से नहीं बल्कि अपने शौर्य और पराक्रम से हासिल किया है।
इतिहास की ये एक बहुत दिलचस्प. अभूतपूर्व और प्रसिद्ध घटना है जब किसी सम्राट ने किसी पोप को इतना अपमानित किया हो नेपोलियन के राज में फ्रांस के पोप की हैसियत एक सामान्य नागरिक से ज्यादा और कुछ भी नहीं रह गई थी ।
ब्यूरो चीफ
दिनेश सिंह
आजमगढ़