पुरुष मिटेगा या
मिटाएगा
पर
हर हाल में
अपनी ही सत्ता
को
चर्चा में लाएगा
नारी
हो कितनी भी भारी
सत्ता तंत्र पुरुष का
उसकी है लाचारी
नहीं
जी सकेगी
वो
कभी भी जागृति
की
कहानी
वह पुरुष
के हाथो
कठपुतली
बन
उसको नीचे गिराएगी
संवाददाता
निहारिका
गुजरात
पुरुष मिटेगा या
मिटाएगा
पर
हर हाल में
अपनी ही सत्ता
को
चर्चा में लाएगा
नारी
हो कितनी भी भारी
सत्ता तंत्र पुरुष का
उसकी है लाचारी
नहीं
जी सकेगी
वो
कभी भी जागृति
की
कहानी
वह पुरुष
के हाथो
कठपुतली
बन
उसको नीचे गिराएगी
संवाददाता
निहारिका
गुजरात