हमारे पिताश्री बताते थे कि अगर घर के सभी व्यक्ति किसी एक सदस्य को निकम्मा कहने लग जाएं तो वो धीरे धीरे सही में निकम्मा ही हो जाता है पर जैसे ही उसको घर का कोई एक सदस्य बहुत प्यार से कोई मुश्किल से मुश्किल काम भी कहता है तो वही निकम्मा उस काम को बड़ी आसानी से कर दिखाता है।
इस प्रस्तावना से मेरा अभिप्राय अपने देश के वैज्ञानिकों से है जिनको देश विदेश में सांप सपेरों के देश के वैज्ञानिक कह कर मजाक उड़ाया जाता था पर 2014 के बाद मोदी ने उन्हें प्यार और इज्जत दी जरूरत का सामान मुहैया कराया और आज हर क्षेत्र में भारत विश्व के मुकाबले में बराबरी पर आ गया है या आने वाला है।
पूरे विश्व में कोरोना फैला पर विश्व की मदद की भारत ने। मोदी की दो वेक्सीन की डिप्लोमेसी ही विश्व द्वारा संभाली न जा सकी तो जब चार चार वेक्सीन भारत की विश्व में धमाल मचाएंगी तो क्या होगा?
जी हां!
बहुत जल्द दो नई तरह की वेक्सीन भारत विश्व को देने वाला है। यह दोनों वैक्सीन परम्परागत तरीके से टीके द्वारा नहीं दी जाएंगी बल्कि एक नाक में ड्रॉपर द्वारा बूंदे डालकर तो दूसरी कैप्सूल की तरह पानी से निगलकर ली जा सकेंगी।
कैप्सूल द्वारा दी जाने वाली वैक्सीन अभी तक कि सभी वैक्सीनों से तीन गुना ज्यादा प्रभाव शाली होंगी। इसे भारत की Premas Biotech ने विकसित किया है। इसके ट्रायल्स चालू हो गए हैं और सरकार की अनुमति मिलते ही यह बाजार में आ जायेगी। इस वैक्सीन का नाम Coravax है।
अगर खबर अच्छी लगे तो मोदी के लिए नमो नमो लिखना तो बनता है।
बयूरो चीफ
दिनेश सिंह
आजमगढ़