नमस्ते दोस्तों,फुर्सत नहीं मनुष्य को घर से सत्संग जाने की,उम्मीद करता है,सीधा शमशान से स्वर्ग जाने की, दोस्तों परिवार के प्रति कर्तव्य ईमानदारी से निभाएं परंतु अपने शरीर और आत्मा के लिए भी समय अवश्य निकालें शरीर के लिए योग करें आत्मा के लिए भगवान का ध्यान करें,भविष्य के प्रालब्ध के लिए अच्छे कर्म करें।ओम शांति
फुर्सत नही मनुष्य को

Mem Jee Jis Kunyaa Ko Nuvratrno Mne Mnaa Pura-Prukriti,Mnaa Durge Ke Roop Mne Pujun Kurte Hne. Kuchh Dino Mne Hi Veh Loag Hi Uss Buchi Se Samuhik-Bulatukar Bhi Kur Dete Hne???….Uss Sumaaz Se, Bina Sukhuti Kiye Bina Aandolun Yeh Aashaa….?????…..Ramlalbharti.
ठीक है जय श्री कृष्ण सुप्रभात