:-: बंसोड़ जाति :-:
वह मनुवादी जाति जो बांस के बर्तन व सामान बनाने का कार्य करती थीं, उन्हें बंसोड़ कहा जाता था।मनुवादी व्यवस्था को समाप्त करने और औद्योगिक क्रांति के नाम पर पश्चिमी संस्कृति को हम पर थोपने के लिए ,बंसोड़ो के जिस कार्य को घृणित व अपमानित कहकर प्रचारित किया गया था,उसी कार्य को आज आधुनिक बताकर आईआईटी, आईआईएम वाले ,बड़े गर्व से कर रहें हैं।मनुवादी जातिव्यवस्था में जितने भी व्यवसाय थे,वह सभी पर्यावरण को ध्यान में रखकर,ब्राह्मणों द्वारा सृजित किए गए थे।जो भी व्यक्ति, जिस प्रकार का कार्य करता था,वह उसी कार्य को अपने उपनाम या पदनाम के रूप में अपने मुख्य नाम के पीछे लगाता था और अपने कर्मानुसार इनमें बदलाव भी कर सकता था।
यह सनातनी इकोफ्रेंडली जाति आज कुछ विदेशी चापलूसों के प्रभाव में आकर ,स्वयं को शोषित व पिछड़ा समझनें लगी हैं, अतः बंसोड़ो से निवेदन हैं कि अपने आप को हीनभावना से निकालकर, अपने परंपरागत कार्य को करके पर्यावरण बचाने आगे आएं और सनातन संस्कृति को पुर्नस्थापित करनें में सहायता करें ,क्योंकि विजय सत्य की ही होगी।
धन्यवाद :- बदला नहीं बदलाव चाहिए