:-: बांध व ब्रिज :-:
बांध और ब्रिज बनाने से धरतीं पर अनावश्यक बोझ बढ़ता हैं, जिसके कारण,पृथ्वी की घूर्णन गति भी प्रभावित होती हैं और पृथ्वी के अंदरूनी बंध टूटने से प्राकृतिक आपदाएं बहुत अधिक संख्या में आने लगती हैं और प्राकृतिक संतुलन बिगड़ने से जन धन की हानि होती हैं, इसलिये मेट्रो रेल,ब्रिज,या बड़े बड़े बांध बनाना आधुनिकता नहीं मूर्खता हैं।इन सबके प्रभाव से जो नकरात्मक ध्वनि तरंगे निकलती हैं ,उनसे जीवों की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती हैं ,जिसके कारण जीवों की संख्या में गिरावट या विकृतियां आने से वह लुप्त हो जाते हैं।निकट भविष्य में इन सभी निर्माणों के विध्वंस के लिए,बहुत अधिक ऊर्जा खर्च करनी होगी।अतः प्रशासकों से निवेदन हैं कि मेट्रो रेल या ब्रिज जैसी भौतिक सुविधाओं को बढ़ावा न दे,अन्यथा भविष्य में पछताना पड़ेगा और जो लोग इन भौतिक सुविधाओं को आम जनमानस में स्थापित करके,वर्तमान में स्वयं को वैज्ञानिक या महापुरुष समझ रहें हैं, वहीं भविष्य में असुरों के नाम से पहचाने जाएंगे।विजय सत्य की ही होगी।
धन्यवाद :- बदला नहीं बदलाव चाहिए
