:-: बाल श्रम कानून :-:
बालश्रम कानून 1986 के अनुसार कोई व्यक्ति अपने व्यवसाय हेतु 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे से काम कराता हैं, तो वह अपराध हैं।सुप्रीम कोर्ट,संसद,संविधान ये बताए पहले कि बालश्रम हैं क्या ??क्योंकि बुद्धिजीवी ज्ञानियों के अनुसार,कोई कार्य छोटा या बड़ा,या अच्छा या बुरा नहीं होता,तो टीवी फिल्मों या वीडियो के निर्देशक भी तो अपने व्यवसाय हेतु 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से काम करवाते हैं और उनसे पैसा कमाते हैं तो क्या यह उनकी संवैधानिक स्वतंत्रता हैं और कोई घर चलाने कम आयु में गृहकार्य के लिए पेपर या चाय बेचे,तो वह बाल अपराध हैं।बच्चों से फिल्मों में काम करवाने वालो को अवार्ड मिलता हैं ,और बच्चों से चाय या पेपर का काम करने वालो को दंड मिलता हैं। 1950 के बाद आई ईश्वरीय व्यवस्था ने बच्चों तक को उच्च कार्य और निम्न कार्य में बांटा हुआ हैं।बच्चें निम्नकार्य करें,तो उनका शारीरिक व मानसिक विकास अवरुद्ध होगा और उच्च कार्य करें ,तो उसमें कोई समस्या नहीं, वह तो फैशन हैं ?? बच्चों के समुचित विकास के लिए,इसप्रकार की भेदभाव व ऊंचनीच वाली न्याय व्यवस्था के परिवर्तन के लिए तैयार रहे।विजय सत्य की ही होगी
धन्यवाद :- बदला नहीं बदलाव चाहिए