“भगवान कृष्ण” पर चले ‘पोलैंड केस’ की रोचक घटना क्या है?
भगवान कृष्ण पर चले पोलैंड केस की रोचक घटना
बात उन दिनों की है, जब भगवान कृष्ण के भक्तों की संस्था इस्कॉन का प्रभाव तेजी से यूरोपियन देशों में फ़ैल रहा था। जहाँ एक ओर कई देशों के हजारों लोग इस संस्था से जुड़ रहे थे वहीँ कुछ विरोधी भी थे। इसी दौरान वॉरसॉ, पोलैड में एक क्रिस्चियन नन ने इस्कॉन पर एक केस फाइल कर दिया।
मामला कोर्ट में पहुँच गया और नन ने कोर्ट में बोला – इस्कॉन पोलैंड में अपनी गतिविधियाँ बढ़ा रही है, कई लोग उनके अनुयायी बन रहे है। नन ने कहा कि वो चाहती है, इस्कॉन को पोलैंड में बैन कर दिया जाये। उसने यह कारण दिया – इस्कॉन के अनुयायी ऐसे कृष्ण के गुणगान करते हैं, जिनका चरित्र खराब था। भगवान कृष्ण ने तो 16,000 औरतों से शादी की थी, जिन्हें गोपिकाएँ कहा जाता था।
जवाब में इसकोंन के प्रतिवादी ने जज से विनती की – कृपया नन से कहें वो उस शपथ को दोहराएँ, जो उन्होंने नन बनते समय ली थी। जज ने नन से कहा कि वो तेज आवाज़ में शपथ बोलकर बताएं। नन ने कोई जवाब नहीं दिया। अतः इस्कोन के प्रतिवादी ने जज से अनुमति माँगी कि क्या वो नन बनने की शपथ पढ़कर सुना सकता है। जज ने कहा – बिलकुल, आप बोलिए। इस्कॉन के प्रतिवादी ने जो शपथ पढ़कर सुनाई, उसका साफ मतलब निकलता था कि नन बनने वाली हर स्त्री जीसस क्राइस्ट की विवाहिता होती है।
अब इस्कोन के प्रतिवादी ने कहा – माई लार्ड ! भगवान कृष्ण के बारे में कहा जाता है कि उनकी 16,000 पत्नियाँ थीं। वहीं दूसरी तरफ दुनिया भर में 10 लाख से अधिक नन ऐसी हैं जोकि जीसस क्राइस्ट की विवाहिता हैं। अब आप निर्णय कीजिये कि भगवान कृष्ण और जीसस क्राइस्ट में किसका चरित्र ख़राब है ? और ननों के बारे में क्या कहा जाये ? जज ने फ़ौरन ही इस्कोन के खिलाफ लगा वह केस ख़ारिज कर दिया।
संवाददाता
निहारिका
गुजरात
श्वेता दप॔ण