भारत के नागरिक कितनें मासूम हैं..
जो लॉक डाउन की खबर सुनते ही गुटके की कीमत ₹5 से ₹7 कर देते हैं..
जो डॉक्टरों द्वारा विटामिन सी अधिक लेने की कहने पर 50 रुपये प्रति किलो का नींबू 150 रुपये प्रति किलो बेचने लगते हैं..
जो 40-50 रुपए का बिकने वाला नारियल पानी ₹100 का बेचने लगते हैं..
जो मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी सुनते हैं, तो ऑक्सीजन की कालाबाजारी शुरू कर देते हैं..
जो दम तोड़ते मरीजों की दुर्दशा देखते हैं तो रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करनी शुरू कर देते हैं..
जो अपना ईमान बेच कर इंजेक्शन में पैरासिटामोल मिलाकर बेचने लगते हैं..
जो डेड बॉडी लाने के नाम पर पानीपत से फरीदाबाद तक के ₹36000 मांगने लगते हैं..😢😢🙏
जो मरीज को दिल्ली गाजियाबाद मेरठ नोएडा स्थित किसी हॉस्पिटल में पहुंचाने की बात करते हैं तो एंबुलेंस का किराया 10 से 15 हजार किराया मांगने लगते हैं..
क्या वास्तव में देश के नागरिक बहुत मासूम हैं.. या लाशों का मांस नोचने वाले गिद्ध…
गिद्ध तो मरने के बाद अपना पेट भरने के लिए लाशों को नोचता है पर ये तो अपनी तिजोरियां भरने के लिए जिंदा इंसानों को ही नोच रहे हैं, कहाँ लेकर जाएंगे ऐसी दौलत या फिर किसके लिए ?..😢
कभी सोचा है ?? एक बार सोचना जरूर..🤔
एक दिन हिसाब सबको देना पड़ेगा, जनता की अदालत में नहीं तो ईश्वर की अदालत में…😢🙏🙏🙏
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हिंदुस्तान को आज कोरोना नहीं मार रहा
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इंसान इंसान को मार रहा है