भारत सरकार के तीन संवत या कहें कि कैलेंडर हैं
-एक सांस्कृतिक जिससे त्योहारों की गणना होती है जिसका प्रारम्भ 22 मार्च के आसपास होता है और उससे आपकी त्योहारी छुट्टियाँ बनती हैं।
-एक प्रशासनिक जिससे प्रशासनिक व न्यायिक कार्यों की गणना होती है जिसका प्रारंभ 1 जनवरी को होता है।
-एक आर्थिक जिसका प्रारंभ 1अप्रैल को होता है।
अर्थात कैलेंडर मनचाहे महीने से मनचाही तारीख से शुरू किया जा सकता है पर ‘सरकारी पंचांग’ अर्थात तिथि गणना में महीने 12, दिन 7 एवं दिवस 24 घंटे के ही होंगे।
अर्थात कैलेंडर आप सुविधा के अनुसार बना सकते हैं, सत्र की तरह लेकिन गणना का आधार वही रहेगा।
इसी प्रकार भारत में तिथि गणना नाक्षत्र, चांद्र व सौर प्रकार से प्रचलित थी लेकिन कैलेंडर जारी करने की प्रथा का अभाव था क्योंकि प्रत्येक राजा के राज्य में गणनाएं उस राजा के सिंहासनारूढ़ होने के दिन से चलती थीं।
बाद इन शकों के आने के बाद संवत यानि कैलेंडर जारी करने का फैशन शुरू हुआ।
अगर आपके पास कोई एस्ट्रोलॉजी व गणित का विद्वान हो तो आप उससे किसी भी जाने या अनजाने पुरखे के नाम से संवत यानि कैलेंडर जारी करवा सकते हो और उसकी शुरूआत किसी भी महीने या दिन से कर सकते हो।
जैसे गुप्तकाल में ब्रह्माजी का सृष्टि संवत भी बंदों ने निकाल दिया भले ही उस युग में आदि समुद्र में सिर्फ अमीबा तैर रहे हों।