:-: मासिक धर्म पूजा अनुष्ठान :-:
सनातन धर्म में महिला को सर्वप्रथम पूजनीय और सम्माननीय माना गया हैं, इसका मुख्य कारण हैं कि वह स्वयं सारा जीवन मासिक धर्म की पीड़ा सहकर इस धरती पर जीवन को बनाये रखती हैं।आज से कुछ सदी पहले जब किसी भी महिला का पहला मासिक धर्म आता था,तो घर में 3 से 5 दिन की पूजा पाठ का कार्यक्रम होता था,जिसमें काली देवी और सतीकथा,पूजा और व्रत अनुष्ठान कार्यक्रम होते थे,जो ब्रिटिश शासन के बाद से बंद हैं,लेकिन भारत के कुछ ग्रामीण इलाकों में यह आज भी होता हैं और इसका प्रामाणिक रूप गोवाहाटी(असम) के कामाख्या देवी मंदिर में आज भी देखने को मिल जायेगा।इस सनातन परंपरा को पुनः आरंभ करके महिलाओं को हीनभावना से बाहर निकाल कर धर्म स्थापना का शंखनाद करने लिये आप सभी का सहयोग
आवश्यक हैं। अपने मन मस्तिष्क को उदार करें, क्योंकि महिलाओं को सम्मान देकर ही भारत को विश्वगुरु बनाया जा सकता हैं।इस पूजा को आरंभ करने से मासिकधर्म सम्बंधित सभी भ्रांतिया दूर होगी और घर में भी सकरात्मक माहौल बनेगा। इसलिये उठिये, महिला के सम्मान के लिये और सनातन धर्म के उत्थान के लिये।
धन्यवाद :- बदला नहीं बदलाव चाहिए
