:-: मिथ्या इतिहास :-:
ब्रिटिशों ने 18 वी से लेकर 20वी सदी तक स्वयं जो अपराध किए, उन्हें इतिहासकारों की सहायता से ब्राह्मण और मुगलों के अपराध बताकर,भारतीयों के मध्य आपस में फूट डाल दी जैसे :-
- नागालैंड में सन 1872 में पहला नागा चर्च और पहली बार धर्म परिवर्तन।
- मिजोरम में सन 1897 में पहला चर्च व लुशाई अभियान चलाकर, पहली बार धर्म परिवर्तन।
- मेघालय में सन 1830 में चर्च व धर्म परिवर्तन की शुरुआत
- अरुणाचल में 1971 में 1% ईसाई आबादी ,जो 2011 में 30% हो गई।
- जिन्होंने ईसाई सम्प्रदाय अपनाया,उन्हें जमींदार,सरकारी पद, ज़मीन,पैसा सबकुछ दिया गया।
ज्ञात इतिहास के अनुसार हज़ारों वर्षो के मुगलकालीन इतिहास में करोड़ों हिंदुओं को मारने व धर्म परिवर्तन करनें के बाद भी आज सन 2022 में मुस्लिम केवल कश्मीर व लक्षद्वीप में बहुसंख्यक हुए हैं और सरकारी आंकड़ों के अनुसार सन 1950 से पहले वहाँ सब हिंदू ही थे।ब्राह्मणों द्वारा शोषण का मिथ्या इतिहास भी 18 वी सदी से ही शुरू होता हैं।जिन्होंने ब्रिटिशों का विरोध किया,उन्होंने ब्राह्मण विरोध नहीं किया और जिन्होंने ब्राह्मणों का विरोध किया,उन्होंने ब्रिटिशों का विरोध नहीं किया ।विजय सत्य की होगी।
धन्यवाद :- बदला नहीं बदलाव चाहिए