मुझे रोक पाओगे , औकात नहीं है तुम्हारी मैं हवा हूँ , तुम्हारी छोटी मानसिकता को भी बदल कर निकल जाऊँगी मैं
बडे तूफान बनें फिरते हो तुम औकात में रहना तुम्हारा रूख बदल दूँगी पहाड़ बनकर कंक्कर पत्थर नहीं हूँ मैं ।
मेरी शख्सियत मेरा परिचय देती है मुझे गिराने के लिए तुमको साजिश – षडयंत्र रचना पडा
ऐसी ही मैं ।
धर्म के नाम पर उलझाने की कोशिश तुम्हारी नाकाम हुई
अब कोंन सा षडयंत्र रचने वाले हो तुम तुम्हारे हर प्रपंच , ढोंग-पाखंड को मिटा दूँगी मैं ।
देश को जातिवाद क्षेत्रवाद भाषावाद के नाम पर देश को बाँटने वाले सफेद पोश भेडियो मिटा दूँगी मैं।
आतंकवादी नस्ल के जेहरीले जेहादी गद्दारो को
सूअर की चर्बी में जिंदा जलाकर राख कर दूँगी मैं।
धर्म के नाम पर हिन्दू देवी देवताओं का अपमान करने वाले
राक्षसों को मिटा दूँगी मैं।
देश की सेना पुलिस पर घात लगाकर आघात करने वाले सूअरों की बस्तियों को कब्रिस्तान में तब्दील कर दूँगी मैं।
तिरंगा ध्वज हमारा स्वयम शरीर हैं भगवा ध्वज हमारे शरीर में विराजमान आत्मा है इनका अपमान करने वाले भेडियो को धरती के अंतिम छोर तक मिटा दूँगी मैं।
मैं करूँगी रावण का वध यह कहने वाला राम चाहिये
हिम्मत हैं तो आओ साथ और लगाओ नारा आतंकवाद का खातमा करूँगी मैं।
मिलावट करने वाले मुनाफाखोरो तुम देश की नई पीढी को धीमा जहर देकर खत्म करने की साजिशे कर रहें हो
तुम्हारी नस्ल को मिटा दूँगी मैं।
भृष्टाचार की जडो में गरीब असहाय कमजोर पिछड़े दबे कुचले लोगों को जकडकर लुटने वाले टाई वाले बाबु तुझे तेरे परिवार सहित मिटा दूँगी मैं।
भारत तेरे टुकड़े टुकड़े होंगे कहने वालो की पूरी नस्ल को मिटा दूँगी मैं।
हाँ मैं बेटी हूँ धरती माँ की मैं बेटी हूँ हर देश भक्त की
मैं ऊजाला हूँ वीर शहीद सैनिक के पिता की आखों का
मैं बेटी हूँ तपती धूप में फसल उगाने वाले हर किसान की
मैं बेटी हूँ गरीब असहाय कमजोर पिछड़े अगडे सभी वर्गों वर्णों व समुदाय के महान नागरिकों की मैं शक्ति शौर्य वीरता ऊर्जा हूँ बहनों के स्वाभिमान की मैं रक्षक हूँ सृष्टि के कण कण का
इसलिए मुझें अधिकार है पाप अधर्म अन्याय अनिति अत्याचार अपराध करने वाले भेडियो को धरती के अंतिम छोर तक मिटा देने का आइये हम सब मिलकर फिर से नया भारत नई सोच के साथ बनाए।
आपका स्वागत है मान्यवर देश भक्त दोस्तों हाँ मुझसे कुछ लोग सहमत नहीं हो सकतें हैं यह उनकी सोच हैं