यागवल्क्य स्मृति :-:
श्रीराम जी के राजपुरोहित यागवल्क्य जी द्वारा लिखित यागवल्क्य स्मृति से सर्वप्रथम 12 वी सदी के आसपास इंग्लैंड,फ़िर अमेरिका,ब्रिटेन जैसे देशों ने प्रशासनिक राजतंत्र के सभी नियम कानून लिये और फ़िर उनमें अपनी इच्छानुसार सत्ता स्थापित करने के लिये परिवर्तन किये, स्मृति के कुछ प्रमुख नियम निम्न हैं :-
- प्रशासनिक अधिकारियों का तीन वर्षों में स्थानांतरण।
- कर्मचारी की मृत्यु होने पर,परिवार के सदस्य की अनुकम्पा नियुक्ति और विधवा स्त्री ,विधुर पुरुष को पेंशन का प्रावधान।
- कार्यालय में महिला पुरुष की बराबर संख्या और भागीदारी।
- पद का दुरुपयोग या रिश्वत लेने पर मृत्यु दंड।
इस तरह पूरी व्यवस्था चलाने के हज़ारो नियम हैं, जब सुप्रीम कोर्ट या संसद को कोई कानून बनवाना होता हैं, तब यागवल्क्य स्मृति का अध्ययन करने के बाद,उसमें से तोड़ मरोड़कर कानून बनाये जाते हैं, जिससे ग़लती होने पर प्रशासन सुरक्षित रहें और आम आदमी परेशान होता रहे।सनातन व्यवस्था में सभी के लिये नियम कानून समान थे।यहीं कारण हैं कि अपराधी होने पर श्रीराम भी दंड भुगतते हैं और पांडव भी,लेकिन वर्तमान में तो केवल निलबंन,2,3 वर्ष का कारावास,या फिर तारीख़ पर तारीख़, करके लोगों को मूर्ख बनाया जाता हैं ।वर्तमान के सभी महापुरुष सनातन ग्रंथों के ज्ञान की चोरी करके ही महापुरुष बने हैं।गर्व करिये कि आप सनातनी हैं।
धन्यवाद :- बदला नहीं बदलाव चाहिए