🌷 वर्षा ऋतु विशेष 🌷
☔ अभी वर्षा ऋतु चल रही है | इसे शास्त्रीय भाषा में आदानकाल बोलते है | जठराग्नि दुर्बल होती है | वायु, गैस की तकलीफें उभरती हैं | पित्त संचित होता है | अगर सावधान नहीं रहें तो पित्त व वात मिलकर हार्ट अटैक बना सकता है | इस आदानकाल में कब्जियत न रहे इसका ध्यान रखना चाहिए |
☔ करने योग्य ☔
✅ १) पेट साफ़ रहे इसके लिए हरड़ रसायन २ -२ गोली खाना | हरड रसायन , रसायन से बना हुआ टोनिक है । दिनभर खाया हुआ टोनिक बन जायेगा |
✅ २) शुद्ध वातावरण व शुद्ध जल का सेवन करना |
✅ ३) मधुर भोजन, चिकनाईवाला, शरीर को बल देनेवाला भोजन करना चाहिये और दोपहर के भोजन में नींबू, अदरक, सैंधा नमक, लौकी, मैथी, खीरा, तुरई आदि खाने चाहिए |
✅ ४) वर्षाऋतु में पानी गरम करके पियें अथवा तो पानी की शुद्धता का ध्यान रखें |
✅ ५) वायुप्रकोप से जोडों में दर्द बनने की संभावना है और बुढ़ापे में लकवा मारने की संभावना बढ़ जाती है | भोजन में लहसुन की छौंक लकवे से फाईट करता है |
✅ ६) चर्मरोग, रक्तविकार आदि बिमारियों की इस ऋतु में संभावना बढ़ जाती है | नींबू, अदरक, गाजर, खीरा स्वास्थ्यप्रद रहेगा |
✅ ७) सूर्यकिरण स्नान सभी ऋतुओं में स्वास्थ्य के लिए हितकारक है |
✅ ८) अश्विनी मुद्रा- श्वांस रोककर योनि संकोच लेना और मन में भगवान का जप करना इस सीज़न की बीमारियों को भगाने की एक सुंदर युक्ति है |
☔ न करने योग्य ☔
❌ १) गरम, तले हुए, रूखे, बासी, डबल रोटी, आटा लगा हुआ बिस्किट आदि स्वास्थय के लिए इस सीज़न में हितकर नहीं है । फास्ट फ़ूड से बचना चाहिए |
❌ २) देर रात बारिश के सीज़न में न जागें |
❌ ३) अधिक श्रम, अधिक व्यायाम न करें |
❌ ४) खुले आकाश में सोना खतरे से खाली नहीं है ।
❌ ५) ज्यादा देर तक शरीर भीगा हुआ न रखें | सिर गिला हो तो तुरंत पोछ लें।
❌ ६) भीगे शरीर न सोयें और रात्रि को स्नान न करें | मासिक धर्म आये तो तुरंत स्नान करके सूखे कपडे से अपने को पींछ लें |
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वर्षा ऋतु विशेष
