विनायक दामोदर सावरकर अंडमान के सेलुलर जेल में बंद थे
उस जेल में बहुत से मुस्लिम कैदी भी थे जो हत्या बलात्कार डकैती के इल्जाम में बंद थे
मुस्लिम कैदी एक साथ मिलकर अजान के टाइम पर अपने-अपने सेल में खड़े होकर चिल्ला चिल्ला कर अजान देते थे
फिर विनायक दामोदर सावरकर ने जेलर से उस पर यह कह कर रोकने की मांग की कि जेल में दूसरे धर्म के कैदी भी हैं उन्हें डिस्टर्ब करना ठीक बात नहीं है तब जेलर ने यह कहा कि उनका धार्मिक अधिकार है तो वीर सावरकर जी ने उनसे शंख मंगाया दूसरे तमाम हिंदू कैदियों से कहा कि आप भी जेल प्रशासन से अपनी धार्मिक स्वतंत्रता की मांग करते हुए शंख मांगिये
और फिर सारे हिंदू ठीक अजान के समय जोर जोर से शंखनाद करने लगे उसके बाद मुस्लिम कैदी बिना अजान दिए चुपचाप नमाज पढ़ने लगे
