:-: विभाजन दिवस :-:
जब भारत ब्रिटिशर्स का ग़ुलाम था,तो क्या भारतीय सेना और ब्रिटिश आर्मी के बीच कोई युद्ध हुआ ??भाइयों का आपस में युद्ध करके,एकदूसरे को मारना कोई पराक्रम या उत्सव वाली बात नहीं हैं !! जब कोई युद्ध हुआ ही नहीं तो बिना युद्ध हमें स्वतंत्रता कैसे मिली ? सरकार और जिम्मेदार संस्थाओं को ,अपने निजी स्वार्थ को भूलकर,देश और समाज हित में लोगों को सच बताना चाहिए, जिससे समाज को भृमित होने से बचाया जा सकें। भारत की एकता,अखंडता को बनाये रखने के लिये जिन लाखों आदिवासियों और क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की आहुति दी,उनकी आत्मा भी आज शर्मशार होगी।एक तरफ तो हम भारत देश को भारत माता कहते हैं और दूसरी तरफ उस भारत माता के शरीर के टुकड़े होने पर उत्सव मनाते हैं।हथेली में अगर कांटा चुभ जाएं, तो उस दर्द से बचने के लिये,हथेली को कांट देना,कोई उपचार नहीं, मूर्खता हैं,और जो उस हथेली के कटने पर उत्सव मनाएं, वो मूर्ख हैं।मातम वाले दिन खुशी मनाने वाला व्यक्ति,अपना मानसिक संतुलन खोकर,मानसिक रूप से विकृत हो जाता हैं।यहीं कारण हैं कि हमारे देश की सामाजिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक रूप से मृत्यू को उत्सव की तरह मनाने से ,हमारा बौद्धिक और सामाजिक स्तर पर नैतिक पतन हो गया हैं, जिसे आज हम सब अनुभव कर सकते हैं।जिन्हें अपने परिवार या भाई बहिनों से अलग होना,स्वतंत्रता लगती हैं,केवल उन्हीं को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं।
धन्यवाद :- बदला नहीं बदलाव चाहिए