“षड्यंत्र का अंदेशा”
रोहित सरदाना की मृत्यु अगर हॉस्पीटल में हुई है तो यह अवश्य ही कोई षड्यंत्र प्रतीत होता है।
सरदाना देशद्रोहियों के, गद्दारों के, टुकड़े-टुकड़े गैंग के निशाने पर थे। लगता है कि राष्ट्रवादी पत्रकार होने के नाते अवश्य ही देश के दुश्मनों ने बहुत बड़ी सुपारी दी है। डॉक्टरों को इसकी जाँच करनी चाहिए।
अन्य राष्ट्रवादी पत्रकारों को भी चौकन्ना रहने की आवश्यकता है। सुधीर चौधरी, सुरेश चव्हाण्के जैसों को अलर्ट रहने की आवश्यकता है, क्योंकि हमारे देश में राष्ट्रवादी पत्रकारों की बहुत कमी है। गद्दार पत्रकारों की तो भरमार है।
मूकमौन जैसे नाकारा ठीक होकर आ रहे हैं और रोहित सरदाना जैसे आदमी चले जा रहे हैं। इसे क्या साधारण घटना समझा जा सकता है!!
सब अपना-अपना ध्यान रखें। कोरोना के कारण तुरंत हॉस्पीटल ना जाएँ, डाक्टर्स की सलाह लेकर घर पर ही उपचार करें। बहुत बड़ा षड्यंत्र चल रहा है। कांग्रेस के शासनकाल में अनेक वैज्ञानिकों को भी मौत के घाट उतारा जा चुका है जो राष्ट्रवादी थे। और अब मोदी राज में भी देशद्रोही, आतंकवादी, गद्दार, टुकड़े-टुकड़े गैंग किसी भी तरह से राष्ट्रवादियों को मरवा सकती है।
यद्यपि खास खबरिया चैनल आजतक और राष्ट्रवादी पत्रकार व एँकर सरदाना का मेल मैं आज तक समझ नहीं पाया!!
अब क्यूँ ना हम इसे सन्देहास्पद घटना मानें!!
क्योंकि आकण्ठ भ्रष्टाचार में डूबे लोग राष्ट्रवादी सोच रखने वाले प्रत्येक नागरिक के दुश्मन जो ठहरे। 😐
इस दुःखद समाचार के पश्चात् अनेकों म्लेच्छों के खुशियाँ मनाते संदेश और ट्वीट्स ऐसे ही किसी षड्यंत्र की ओर इशारा कर रहे हैं।
संपादक
अशोक पटेरिया
छतरपुर
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