सुदर्शन न्यूज के मालिक सुरेश चव्हाण ने एक कार्यक्रम में विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री डॉक्टर सुरेंद्र जैन से बात करते हुए बताया कि मेवात की खबरें दिखाने की वजह से हरियाणा सरकार हमारे चैनल को विज्ञापन नहीं देती। विज्ञापन देने पर रोक लगा रखी है। हमारा लाखों का नुकसान होता है लेकिन इससे हम नहीं घबराते हम वही दिखाएंगे जो सच होगा।
वैसे हरियाणा में किसकी सरकार है जिसने मेवात में हिन्दुओं की दुर्दशा दिखाने के बदले सुदर्शन_न्यूज को विज्ञापन देने पर रोक लगा रखी है ?
शायद धर्मनिरपेक्ष कांग्रेस की सरकार होगी तभी, वरना हिंदूवादी भाजपा की सरकार होती तो सुदर्शन न्यूज को भर-भर के विज्ञापन मिलते।
तो फिर जब भाजपा हाईकमान को हरियाणा में अपनी सरकार को धर्मनिरपेक्ष बनाए रखना है तो फिर हरियाणा के भाजपा राज्य सरकार को हिंदू बहुमत क्यों दें?
इसी तरह उत्तराखंड में रोहिंग्या बांग्लादेशियों की आबादी बढ़ने के बारे में खबर छपने पर त्रिवेंद्र सिंह रावत को दिक्कत हो जाती है। वह राष्ट्रवादी पत्रकारों पर कार्रवाई करने लगता हैं।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस को ईसाईधर्म की गतिविधियों को रोकने और उसको प्रतिबंधित करने की खबरों से आपत्ति थी जो करता था उस समय उस पर कार्रवाई हो जाती है और फडणवीस की पत्नी तो खुले आम बहुत सी ईसाई सभा और क्रिश्चियन चंगाई_सभा तक को प्रचारित करती थी।
गुजरात का सीएम रुपाणी तो हिंदू त्योहारों पर रैली निकालने और इकट्ठा होने वाले हिंदू युवकों पर तुरंत कार्रवाई करके जेल में ठूंस देता हैं।
जकात फाउंडेशन की पोल पट्टी खोलने पर अगर सरकार की मंशा होती तो तुरंत जकात फाउंडेशन पर केंद्र सरकार कार्रवाई करते लेकिन उसको तो मौलाना साद को खुली छूट दे रखा है जो चाहे करो। लेकिन अगर सुदर्शन न्यूज़ ने जकात_फाउंडेशन तो छोड़ो उस से मिलता जुलता कुछ छोटा सा भी किया होता तो न सिर्फ सुदर्शन न्यूज़ पर प्रतिबंध लग गया होता बल्कि सुरेश चौहान भी लंबे समय के लिए कारावास में जाने को बातें हो चुकी होती।