हिन्दुओ की दशा की जिम्मेदार हर वो हिन्दू ही हैँ जो इन्हे स्वयं की इतिहास वर्तमान या भविष्य से मतलब नहीं इन्हे हिन्दू होने पर गर्व नहीं न जीवन मे स्वयं को हिन्दू के प्रति जबाब देह समझते हैँ सबसे बड़ा लापरवाह समाज हैँ .
अब ले लीजिये सोशल मीडिया हर हिन्दू को एक जिम्मेदार पत्रकार बनने की जिम्मेदारी सौपी हैँ और पूरे देश के किसी भी हिन्दू की आवाज बनने की भी मौका मिला हैँ पर किन्तु परंतु लेकिन
🤔 कभी आप गौर करे पूरे राज्य के व देश के लोग हैँ पर ज़ब दिल्ली की ही बात आती हैँ तो सबके सब दिल्ली वाले एकटिव नहीं होता उतरपदेश या बिहार या हो गुजरात या हो हरियाणा या किसी भी राज्य की बात यदि कोई बात होती हैँ तो कितने लोग मौसेज पढ़ कर बिचलित होकर वो बात को वहा तक हर स्तर से आवाज बनते हैँ यह मात्र 2 प्रतिशत ही यह हमें पता हैँ
आवाज बुलंद करने की प्रथम माध्यम वो बात को आगे शेयर करना दूसरा ट्विटर पर रखना तीसरा समवंधित राज्य के मंत्रालय तक बात पहुंचना या उस क्षेत्र के लॉकल सांसद विधायक या पुलिस अधिकारी तक बात रखना अपनी हर शॉर्स की उपयोग कर अपनी जबाबदेह व हिंदुत्व के प्रती जिम्मेदारी को पूरा करना 🤔 पर ऐसा कितने लोग करते हैँ यह हमें हर स्तर से समझ हैँ कौन कितना बड़ा मुर्ख बन कर सिर्फ नेता राजनीति की बात को पहुंचा रहा हैँ आजकल यह ट्रेड जोरदार हैँ कोंग्रेसी को कोषणा नेहरू व मुस्लिम को गाली देना पर स्वयं मे बदला या बदलाव की भवना न के बरबार मतलब चंद ही दीखता हैँ .
ऐसे हिन्दू समाज स्वयं को भर्म मे स्वयं को धोखा दे रहा
कोई भी बड़ा से बड़ा नेता या राजा नागरिक या प्रजा के लिए उतना ही साथ आता हैँ जितना उस देश के क़ानून के हिसाब से हो .
धरातल पर स्वयं ही कार्य करनी होंगी नेतागिरी तब काम नहीं आती है ज़ब गृह युद्ध हो दंगा हो गर्दन पर तलवार रखा हो तो .
दिल्ली दंगा हुआ कितने ही हिन्दू मारे गए और कितने ही निर्दोष हिन्दू जेल मे है कोई नेता को अबतक मतलब नहीं फिर तुम इनके भरोसे कैसे जीते हो स्वयं की जबाबदेह कब समझोगे 🤔 लॉकल गद्दार सांसद विधायक को कब पूछोगे सवाल कब इनको याद दिलाने की कार्य करोगे की हमने तुम्हे वोट दिया है मद +दान किया है अपने विचार को तुम्हे सौपा है सवाल करने की हिम्मत नहीं तब तक भीड़ हो जिसे कोई ज़ब मर्जी तब सिर्फ हेकता है 🤔