हिन्दू कभी नपुंसक नहीं था वरना 1000 साल नहीं लड़ सकता था
हिन्दू को नपुंसक बनाया मोहनदास ने। जिसने हमारे दिमाग में हथियार डालने की भावना भरी।
नतीजा
बटवारे के वक़्त लाखों हिन्दुओं की लाशें आई पाकिस्तान से
1990 में हम मैदान छोड़ के भाग खड़े हुए
और आज जब मैदान में आधे मोर्चे से लड़ने की बात होती है तो हम बोलते है सरकार कानून बनाये। ये मुर्ख हिन्दुओ ने ना रामायण पढ़ी है ना महाभारत।
अगर कानून से ही धर्म युद्ध लड़ा जा सकता तो पांडव महाभारत कभी नहीं जीत पाते। श्री कृष्ण कभी युद्ध के नियम तोड़ने की रचना नहीं करते
हम इतने नपुंसक हो गए है की कालनेमि जैसो को पाल रखा है। जबतक एक मुल्ला आके सनातन का समर्थन नहीं करता हम सनातन को मानते ही नहीं
जब तक हम पे राज करने वाले अंगरेज हमारे इतिहास की पुष्टि नहीं करते हम मानते ही नहीं
जब तक NASA ना बोलदे की रामायण काल में विमान थे हम अपना मजाक खुद बनायेगे
एक पुराण के विद्वान को ढूंढने निकलो को 5 क़ुरान के विद्वान मिल जाते है
हिन्दू का अर्थ केवल मंदिर और पूजा पाठ नहीं है
हिन्दू का असली अर्थ है शास्त्र और शस्त्र
जो शास्त्र नहीं पढ़ता और केवल शस्त्र उठता है वोह शैतान है
और जो केवल शास्त्र पढ़ता है शस्त्र नहीं उठता वोह कटा जाता है
प्रभु श्री राम ने भी धनुष नहीं त्यागा था वनवास जाते हुए
शिव ने त्रिशूल नहीं त्यागा था कैलाश जाते हुए
श्री कृष्ण ने भी सुदर्शन नहीं त्यागा था बासुरी बजाते हुए
जनरल बिपिन रावत से नफरत का मुख्य कारण उनके काम करने का तरीका नहीं था बल्कि वोह एक सनातनी फौजी थे। मंदिर जाते थे यूनिफार्म में खुल के
उठो युद्ध करो
श्री कृष्ण ने कभी नहीं कहा मेरे भरोसे रहो उन्होंने कहा मेरा भरोसा करो श्री मोदी ने कभी नहीं कहा मेरे भरोसे रहो उन्होंने कहा मेरा भरोसा करो
जय श्री राम