100 करोड़ की कड़वी सच्चाई
सौ करोड़, सौ करोड़, सौ करोड़ …
सौ करोड़ की पीपणी बजाना बंद कर दो … ये सौ करोड़ का भ्र्म निकाल दो अपने मस्तिष्क से …
👉हम सौ करोड़ हैं … करते करते तुम्हारे पैरो के नीचे से जमीन गायब हो रही है
सोचो ….
👉यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या अयोध्या में हिंदुओं के हत्यारों को सत्ता देते ?
👉यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या रामसेतु को काल्पनिक बताने वाले को सत्ता देते ?
👉यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या भगवा आतंकी कहने वाले को सत्ता देते ?
👉यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या कश्मीर में हिंदुओं को मौत के घाट उतारने वाले को सत्ता देते ?
👉यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या सरेआम गाय कटवाने वालों को सत्ता देते ?
👉यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या दशहरा, दीपावली, होली पर ज्ञान बाँटने वालों को सत्ता देते ?
👉यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या ‘मन्दिर में जाने वाले लड़की छेड़ते हैं, ऐसा कहने वाले को सत्ता देते ?
👉यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या भगवान श्रीराम जी का प्रूफ मांगने वाले को सत्ता देते ?
👉यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या 8 राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक बनाने वाले को सत्ता देते ?
👉यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या ”इस देश के संसाधनों पे पहला हक़ मुसलमानों का है !’ कहने वाले को सत्ता देते ?
👉यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो,क्या बुरहान, याकूब, ओसामा को शहीद कहने वाले को सत्ता देते ?
👉यदि हिन्दू सौ करोड़ होते तो, क्या देश के दो टुकड़े (भारत-पाकिस्तान) करने वाले को सत्ता देते ??
हिन्दुओं… अपनी आँखों का मोतियाबिंद ठीक करवा लो। सेक्यूलर, निलचट्टे, कायर, लालची… इन सबको घटाकर देखो – अल्पसंख्यक हो चुके हो, अल्पसंख्यक।
🙏सौ करोड़ का भूत उतार दो अपने सर से … जो भी तीस- चालिस करोड़ शुद्ध हिन्दू बचे हैं, वो आगे कैसे बचे रहेंगे ये सोचो !
🙏🚩