कृष्ण बड़ा निर्मोही है-
आज आपको बताऊंगी कि महाभारत के युद्ध में कृष्ण ने अभिमन्यु को क्यों मरने दिया ?
अभिमन्यु जब तक नहीं मरा था, महाभारत का युद्ध धर्म युद्ध था एक योद्धा से एक ही योद्धा लड़ता था निहत्थे पे वार नही किया जाता था ।
रात में युद्ध नहीं होता था। पीठ पे वार नहीं होता था. रथी अगर पैदल हो जाये तो वार नहीं होता था गदायुद्ध में कमर के नीचे वार नहीं होता था।
कृष्ण जानते थे कि धर्म मर्यादा में रह के युद्ध नहीं जीता जा सकता। धर्मयुद्ध में भीष्म द्रोण कर्ण और दुर्योधन जैसे महारथियों को परास्त करना बड़ा मुश्किल होगा।
इसलिए कृष्ण ने अभिमन्यु को मरने दिया। अनेकों कौरवों ने मिल कर अकेले, निहत्थे, भूमि पर धराशायी अभिमन्यु को अधर्म पूर्वक मारा ।
अभिमन्यु के मरते ही कृष्ण के ऊपर से धर्मयुद्ध का भार / बंधन हट गया अब युद्ध में छल कपट झूठ सच अनीति अधर्म सब allowed हो गया अभिमन्यु वध के बाद जयद्रथ का वध कृष्ण के छल से हुआ रात में युद्ध नही होगा, ये नियम तोड़ कर कृष्ण ने पांडव योद्धा घटोत्कच से रात में ही कौरव सेना पे आक्रमण करवा दिया ।
कर्ण की अमोघशक्ति से अर्जुन को बचाने के लिये घटोत्कच को आगे कर उसकी बलि ले ली , कर्ण को मजबूर कर दिया कि वो अमोघ शक्ति जो उसने अर्जुन के लिये बचा के रखी थी उसे घटोत्कच पे खर्च कर दे ।
अर्जुन को बचाने के लिए कृष्ण ने भीम के पुत्र को मरने दिया आचार्य द्रोण का वध भी युधिष्ठिर से झूठ बुलवा के किया कर्ण को जब मारा तो वो निहत्था और पैदल भी था अंतिम दिन गदा युद्ध मे दुर्योधन जब भीम पे भारी पड़ने लगा तो कृष्ण ने भीम को इशारा किया Fowl खेल बेटा , जांघ तोड़ इसकी Hit Below the Belt धर्म युद्ध गया तेल लेने।
अर्णव गोस्वामी पर झूठी कार्यवाही के बाद अब इतना जान लीजिए कि अब Press को हाथ नही लगाना , ये नियम खत्म हो गया है ।
और ये नियम तथाकथित विपक्ष ने खत्म किया है ।आगे इन तथाकथित सेक्युलर पत्रकारो को अब बहुत कुछ सहना पड़ेगा ।अभिमन्यु मर चुका है । अब बारी जयद्रथ , द्रोण , कर्ण और दुर्योधन की है…
