:-: MYTHOLOGY :-:
रामायण,महाभारत को माइथोलॉजी कहा जाता हैं, मतलब की यह मनगढ़त झूठी कहानियां हैं, श्रीराम,श्रीकृष्ण के होने के प्रमाण भी मांगा जाता हैं।आज हम इस बात को स्वीकार कर लेते हैं कि यह सब झूठ हैं, श्री राम,श्री कृष्ण जैसा कोई भारत में पैदा ही नहीं हुआ,लेकिन उससे पहले सभी वामपंथी ये बताएं कि शंबूक, एकलव्य,रावण,महिसासुर,बाली,होलिका नामक ये लोग थे,इस बात का उन लोगों के पास क्या प्रमाण हैं।अगर ये सब भी झूठे पात्र हैं, तो इन पात्रों की झूठी कहानियों के आधार पर दिया गया,आरक्षण समाप्त किया जाये।नहीं तो एकलव्य और रावण के होने का प्रमाण दिया जाये।क्योंकि अगर एकलव्य होगा,तो श्रीकृष्णा भी होंगे और रावण होगा,तो श्रीराम भी होंगे।सक्षम व्यक्ति सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका लगाकर,भारतीय सँविधान में आरक्षण देते समय,लोगों को किस आधार पर पिछड़ा और शोषित प्रमाणित किया गया,इस बात की जानकारी मांगे।किस आधार पर यह बात प्रमाणित हुई कि मनुस्मृति का शासन काल 5000 वर्ष पुराना हैं ?? जब कहानियां ही मायथोलॉजी हैं, झूठी हैं, तो उन्हें सच मानकर ,कैसे यह प्रमाणित किया गया कि लोगों का शोषण हुआ ?? अगर ये कहानियां सच हैं, तो इन्हें मायथोलॉजी क्यों कहा जाता हैं ?? धर्म की ही जीत होगी।
धन्यवाद :-बदला नहीं बदलाव चाहिए
