:-: OPEN AIR SCHOOL :-:
आज भी हमारे भारत में कई स्थानों पर और आज से कुछ दशक पूर्व लगभग पूरे भारत में पेड़ों के नीचे पाठशालाएं लगती थी,ये सभी गुरुकुल परंपरा पर आधारित होती थी और उस पाठशाला में बिना वेतन के ब्राह्मण आचार्य पढ़ाते थे और जो भी पढ़ने आता था,वो अपनी क्षमतानुसार विद्यालय चलाने के लिये और गुरु जी का घर चल जाये,उतनी दान दक्षिणा देते थे।जब अंग्रेजी शिक्षा लाई गई और उसे लाने वाले विदेशों से पढ़कर आये महापुरुषों ने,विदेशी संस्कृति को हम पर थोपने के लिये बिल्डिंगस में स्कूल लगाकर,पिछले 100 वर्षो की 7 पीढ़ियों को बर्बाद कर दिया।अब यूरोप और अमेरिकी देशों में पेड़ो के नीचे खुले में पढ़ाना,बच्चों के विकास में सहायक हैं, इससे इम्युनिटी बढ़ती हैं, ऐसी बाते करके, हमारे गुरुकुल के समान ही open air school का new concept लाया गया हैं और लोग अपने बच्चों को महंगी फीस देकर ,ऐसे स्कूल्स में भर्ती करवा रहे हैं।हमारे देश में बोला जा रहा हैं कि इन open air schools का कॉन्सेप्ट एकदम नया हैं और भारतीय लोग बहुत पिछड़े हैं।हमारे निःशुल्क गुरुकुल बंद करवाकर, अब उन्हीं गुरुकुलों को महंगी फीस और नए नाम के साथ,हमें पुनः लौटाया जा रहा हैं।भारतीय चापलूस महापुरुषों के साथ मिलकर पहले सनातन संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास कर,उसे नये विदेशी नाम देकर,बौद्धिक संपदा की चोरी की जाती हैं।जय सनातन।
धन्यवाद :- बदला नहीं बदलाव चाहिए